'घर घर राशन' योजना पर केंद्र ने लगाई रोक, तो दिल्ली सरकार ने कहा- 72 लाख गरीबों से फायदा छीना

दिल्ली सरकार के मुताबिक, 'सरकार 1-2 दिनों के अंदर पूरी दिल्ली में राशन वितरण योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार थी, जिससे दिल्ली में 72 लाख गरीब लाभार्थियों को लाभ मिलता.'

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

केंद्र (Centre Govt) ने दिल्ली सरकार (Delhi Govt) की 'घर घर राशन' योजना (Ghar Ghar Ration Yojana) पर रोक लगा दी है. जिसके बाद केजरीवाल सरकार ने इस मामले में केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र ने दिल्ली की क्रांतिकारी राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को रोक दिया है. दिल्ली सरकार ने कहा कि उप-राज्यपाल ने दो कारणों का हवाला देते हुए राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना के कार्यान्वयन की फाइल को खारिज किया है. पहला- केंद्र ने अभी तक इस योजना को मंजूरी नहीं दी है और दूसरा- कोर्ट में इसके खिलाफ एक केस चल रहा है.

दिल्ली सरकार के मुताबिक, 'सरकार 1-2 दिनों के अंदर पूरी दिल्ली में राशन वितरण योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार थी, जिससे दिल्ली में 72 लाख गरीब लाभार्थियों को लाभ मिलता.' दिल्ली के खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन के मुताबिक, 'मौजूदा कानून के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा योजना के नाम के संबंध में केंद्र की आपत्तियों को दिल्ली कैबिनेट ने पहले ही स्वीकार कर लिया है.'

केंद्र सरकार के सुझाव के आधार पर, दिल्ली कैबिनेट ने योजना से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' नाम को हटाने और मौजूदा एनएफएस अधिनियम, 2013 के हिस्से के रूप में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी को लागू करने का निर्णय पास किया है, यह केंद्र सरकार की सभी आपत्तियों को दूर करता है. योजना की जानकारी देने के लिए 2018 से अब तक दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र सरकार को 6 से अधिक पत्र लिखे गए हैं.

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केंद्र ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की महत्वाकांक्षी 'घर घर राशन योजना' पर लगाई रोक

इमरान हुसैन ने कहा कि कोर्ट में चल रहे केस का हवाला देते हुए, जिसमें कोर्ट ने कोई स्टे का आदेश नहीं दिया है, ऐसी क्रांतिकारी योजना के लागू करने से रोकना यह स्पष्ट करता है कि यह निर्णय राजनीति से प्रेरित है. राशन की डोरस्टेप डिलीवरी उन गरीबों के लिए वरदान साबित होती, जो कोरोना के कारण राशन की दुकानों पर जाने या संभावित तीसरी लहर में बच्चों में वायरस के फैलने से डरते हैं. इस योजना को खारिज करना कोरोना के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई को बहुत कमजोर करना है.

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क्या है 'घर-घर राशन' योजना?

इस योजना के तहत, प्रत्येक राशन लाभार्थी को 4 किलो गेहूं का आटा, 1 किलो चावल और चीनी अपने घर पर प्राप्त होगी, जबकि वर्तमान में 4 किलो गेहूं, 1 किलो चावल और चीनी उचित मूल्य की दुकानों से मिलता है. योजना के तहत अब तक बांटे जा रहे गेहूं के स्थान पर गेहूं का आटा दिया जाता और चावल को साफ किया जाता, ताकि अशुद्धियों को दूर कर वितरण से पहले राशन को साफ-सुथरा पैक किया जा सके.

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भारत में राशन वितरण वर्तमान में कई समस्याओं से त्रस्त है. काम के समय अक्सर राशन की दुकानों को बंद पाया जाना, खाद्यान्न की खराब गुणवत्ता, राशन डीलरों द्वारा कम राशन देना, राशन की दुकानों के कई चक्कर लगाना, राशन की कालाबाजारी करना आदि कुछ समस्याएं हैं. इसके अलावा राशन मिलने के बाद भी आम आदमी को गेहूं का आटा लेने के लिए स्थानीय मिल मालिकों के पास जाना पड़ता है.

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वहीं, नई योजना के लागू होने से ऐसी कई समस्याओं का समाधान हो गया होता. नई योजना में लाभार्थियों द्वारा राशन की दुकान और स्थानीय मिल मालिकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते. लाभार्थियों को उनके घर पर ही साफ-सुथरा पैकेज्ड राशन उपलब्ध कराया जाता. इससे राशन माफियाओं पर भी लगाम लग जाता.

दिल्ली सरकार ने इस योजना के कार्यान्वयन के लिए तैयारी का काम पहले ही पूरा कर लिया था. इसके लिए टेंडर दे दिए गए थे, आशय पत्र जारी कर दिया गया था और विक्रेताओं को घर-घर राशन पहुंचाने के लिए नियुक्त किया गया था.

केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन कार्ड' योजना को पूरा करती है यह योजना

दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को आधिकारिक तौर पर सूचित किया था कि वह प्रस्तावित योजना के साथ राशन कार्ड उपयोगकर्ताओं के बायोमेट्रिक और आधार सत्यापन के साथ-साथ राशन की डोरस्टेप डिलीवरी शुरू करेगी. यह प्रस्तावित किया गया था कि जब कोई डिलीवरी एजेंट डिलीवरी के लिए लाभार्थी के घर जाएगा, तो बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद ही राशन दिया जाएगा. इसके लिए सभी लॉजिस्टिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

यदि नई योजना को लागू किया गया होता तो केंद्र सरकार की ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना लागू की जाती, जिससे दिल्ली या पूरे भारत में कोई भी राशन कार्ड धारक दिल्ली में किसी भी राशन की दुकान पर राशन का लाभ उठा सकता है.

कोरोना के समय गरीबों के लिए वरदान होती योजना, संभावित तीसरी लहर में बच्चों में प्रसार को रोक देती

पिछले एक साल में, दिल्ली सरकार ने विशेष रूप से कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए एक मिशन मोड पर राशन योजना की डोरस्टेप डिलीवरी के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं. यह देखा गया है कि गरीब लाभार्थी राशन की दुकानों के बाहर भीड़-भाड़ वाली लाइनों में खड़े होने और कोरोना के संक्रमण से डरते हैं. इसके बजाय वे भूखे रहना पसंद करते हैं. ऐसे में राशन के लिए डोरस्टेप डिलीवरी की सुविधा का क्रियान्वयन सिर्फ दिल्ली के लिए ही नहीं, पूरी आबादी को टीका लगवाने की राष्ट्रीय अनिवार्यता बन जाना चाहिए था. इसके बजाय, केंद्र सरकार ने दिल्ली में इस योजना के कार्यान्वयन को रोक दिया है. भले ही योजना को पूरा करने की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं.

इसके अलावा, केंद्र की यह रोक कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है. जैसा कि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगली कोविड लहर बच्चों को असमान रूप से निशाना बना सकती है. लोगों को राशन की दुकानों के बाहर लंबी कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर करने से यह संभावना है कि तीसरी लहर में वायरस माता-पिता से उनके बच्चों तक जा सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाई थी.

योजना की व्यापक टाइम लाइन

- 6 मार्च 2018 को, दिल्ली कैबिनेट ने राशन प्रणाली की डोर स्टेप डिलीवरी को लागू करने का निर्णय लिया.

- 21 जुलाई 2018 को मंत्रिपरिषद ने योजना में कुछ संशोधनों को मंजूरी दी और योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' रखने का फैसला किया.

- मंत्रिपरिषद ने 09 नवंबर 2020 को योजना के कुछ कार्यान्वयन पहलुओं पर विचार किया और योजना को दो चरणों में विभाजित करने का निर्णय लिया. चरण-एक में एफसीआई के गोदामों से आवंटित खाद्यान्नों को उठाना और परिवहन करना शामिल होगा, जो गेहूं को आटे में बदलने, चावल को साफ करने और एफएसएसएआई मानदंडों का पालन करने वाले राशन को पैक करेंगे और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (डीसीसीडब्ल्यूएस) द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों को वितरित करेंगे, जबकि स्टेज-दो में डीसीसीडब्ल्यूएस द्वारा सूचीबद्ध डायरेक्ट टू होम एजेंसी द्वारा संसाधित और पैक किए गए राशन की होम डिलीवरी शामिल है.

- 20 फरवरी 2021 को, कैबिनेट निर्णय के अनुसार योजना को ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' नाम के तहत अधिसूचित किया गया था, जिसमें तीन कैबिनेट निर्णयों की मुख्य विशेषताएं शामिल थीं.

- भारत सरकार ने 19-03-2021 के अपने पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत वितरण के लिए उनके द्वारा आवंटित किए जा रहे रियायती खाद्यान्न का उपयोग एनएफएसए के अलावा अन्य नाम या नामकरण के तहत किसी राज्य विशिष्ट या नामकरण के संचालन के लिए नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इस अधिनियम के अंतर्गत इसकी अनुमति नहीं है.

- मंत्रिपरिषद ने अपने निर्णय संख्या 24 मार्च 2021 के माध्यम से 20 फरवरी 2021 को अधिसूचित योजना ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को रद्द करने का निर्णय लिया, हालांकि कैबिनेट द्वारा अपने पिछले निर्णयों के माध्यम से तय किए गए राशन की डोरस्टेप डिलीवरी को एनएफएसए 2103 और टीपीडीएस के अनुसार जारी रखी गई थी.

- 2 जून 2021 को, एलजी ने यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि योजना को लागू नहीं किया जा सकता है.

VIDEO: दिल्ली : अब नहीं मिलेगा घर-घर राशन, केंद्र सरकार ने योजना पर लगाई रोक

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