रूस की Crypto के जरिए प्रतिबंधों से बचने की कोशिश को नाकाम करने में जुटी अमेरिकी सीनेटर

क्रिप्टोकरेंसीज पर किसी सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है और इस वजह से इनका इस्तेमाल प्रतिबंधों से बचने के लिए किया जा सकता है

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बहुत सी ग्लोबल कंपनियों ने भी रूस में कारोबार बंद कर दिया है
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  • क्रिप्टोकरंसीज पर किसी सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है
  • इस वजह से इनका इस्तेमाल प्रतिबंधों से बचने के लिए किया जा सकता है
  • रूस से जुड़े वॉलेट्स पर क्रिप्टो एक्सचेंज सख्ती कर सकते हैं
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अमेरिकी सीनेटर Elizabeth Warren एक बिल पर काम कर रही हैं जिससे यह पक्का किया जाएगा कि रूस क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर प्रतिबंधों से न बच सके. रूस के नागरिकों और कंपनियों के खिलाफ इन प्रतिबंधों में एसेट्स को ब्लॉक करने के साथ ही अमेरिकी फाइनेंशियल सिस्टम्स तक रूस की एंटिटीज की पहुंच को सीमित करना है. क्रिप्टोकरेंसीज पर किसी सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है और इस वजह से इनका इस्तेमाल प्रतिबंधों से बचने के लिए किया जा सकता है.

Warren की ओर से ड्राफ्ट किए जा रहे बिल में अमेरिका से चल रहे क्रिप्टो एक्सचेंजों से रूस से जुड़े वॉलेट्स की संदिग्ध ट्रांजैक्शंस की पहचान करने के लिए कहा जा सकता है. Warren का दावा है कि इस बिल से यह पक्का होगा कि पुतिन और उनके सहयोगी अमेरिका की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को कमजोर करने के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल न कर सकें. Warren ने पिछले सप्ताह अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी Janet Yellen को पत्र लिखकर उनसे यह बताने का निवेदन किया था कि रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को किस तरह लागू किया जाएगा. पत्र में कहा गया था, "प्रतिबंधों से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और इस वजह से क्रिप्टो इंडस्ट्री में प्रतिबंधों को मजबूती से लागू करना महत्वपूर्ण है." 

Binance, Coinbase और Kraken जैसे अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज प्रतिबंधों को लेकर सहयोग करने के बावजूद रूस के सभी एकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए तैयार नहीं हैं. Coinbase ने दावा किया है कि उसने प्रतिबंधों से बचने सहित गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल 25,000 से एकाउंट्स के लिए सर्विसेज बंद कर दी हैं. Coinbase का कहना है कि अगर रूस के एकाउंट्स पर एकतरफा प्रतिबंध लगाया जाता है तो रूस के निर्दोष इनवेस्टर्स को मुश्किल दौर में नुकसान उठाना पड़ेगा.

पिछले सप्ताह अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा था कि अगर क्रिप्टो एक्सचेंज रूस के यूजर्स को ब्लॉक करते हैं तो रूस की इकोनॉमी को बड़ा नुकसान होगा और इससे यूक्रेन पर हमले रुक सकते हैं. कुछ अन्य देशों ने भी रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. बहुत सी ग्लोबल कंपनियों ने भी रूस में कारोबार बंद कर दिया है. इनमें पेट्रोलियम कंपनी शेल शामिल है जिसने रूस से ऑयल नहीं खरीदने का फैसला किया है.
  

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