यूक्रेन पर हमला करने के चलते रूस (Russia-Ukraine War) इस वक्त दुनिया भर के देशों से आर्थिक प्रतिबंधों (Sanctions against Russia) का सामना कर रहा है. लेकिन इन प्रतिबंधों के बीच इस बात की चर्चा है कि रूस क्रिप्टोवर्स का फायदा कैसे उठा सकता है या फिर इस दौरान क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का कितना दुरुपयोग हो सकता है. ऐसे में इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसी हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े एक अहम कार्यकारी आदेश पर अपने दस्तखत कर सकते हैं. हालांकि, बाइडेन प्रशासन के इस ऑर्डर का इंतजार काफी वक्त से किया जा रहा है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों हवाले से खबर आ रही है कि बाइडेन इस एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर इसी बुधवार को ही साइन कर देंगे.
बता दें कि व्हाइट हाउस ने पिछले साल कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार में फिरौती और दूसरे साइबर क्राइम से निपटने के लिए बाइडेन प्रशासन एक विस्तृत आदेश लाने के लिए काम कर रहा है.
चूंकि रूस पर प्रतिबंधों के बीच वहां की सरकार और रूसी अमीरों की ओर से क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर चिंताएं कई गुना बढ़ गई हैं, ऐसे में बाइडेन सरकार का यह ऑर्डर वैश्विक परिदृश्य के लिए भी काफी मायने रखता है.
रूस उन देशों में शामिल है, जिसका पहला स्टैंड क्रिप्टो इकोसिस्टम के खिलाफ नहीं है, बल्कि रूस क्रिप्टोकरेंसी को वैधता देने की दिशा में है. जिन कंपनियों, संस्थाओं और व्यक्तियों पर यूएस और पश्चिमी देशों की ओर से प्रतिबंध लगाए गए हैं, वो पश्चिम से पूरी तरह अलग-थलग हो सकते हैं, लेकिन क्रिप्टो के सहारे वो गुमनाम रहकर अपनी आर्थिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं. रूस का ये वर्ग क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से खरीद-फरोख्त करना जारी रख सकता है.
यहां भी बड़ी संख्या में क्रिप्टो निवेशक हैं. लेकिन इसी डर को देखते हुए कई देश अब वहां के क्रिप्टो यूजरों का भी बायकॉट करने की दिशा में हैं. अभी सोमवार को ही कई साउथ कोरियाई एक्सचेंजों ने रूस के आईपी एड्रेसेज़ को बैन करने का फैसला किया है.
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