Tether का रिजर्व 16 अरब डॉलर घटा, क्रिप्टो मार्केट में गिरावट का असर

Tether ने इटली की एकाउंटिंग फर्म BDO Italia को अपने रिजर्व को प्रमाणित करने के लिए नियुक्त किया है

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क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ महीनों से गिरावट की वजह से स्टेबलकॉइन Tether के रिजर्व में 16 अरब डॉलर की कमी हुई है. मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से इस सबसे बड़े स्टेबलकॉइन के पास मार्च के अंत में रिजर्व लगभग 82.4 अरब डॉलर था, जो जून के अंत में घटकर लगभग 66.4 अरब डॉलर रह गया. 

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, Tether ने इटली की एकाउंटिंग फर्म BDO Italia को अपने रिजर्व को प्रमाणित करने के लिए नियुक्त किया है. इस वर्ष के अंत तक इस स्टेबलकॉइन के लिए तिमाही के बजाय मासिक रिपोर्ट पब्लिश करने का लक्ष्य है. Tether का कहना है कि वह डॉलर में डिनॉमिनेशन वाले रिजर्न के जरिए वैल्यू को बरकरार रखता है. इन रिजर्व को लेकर क्रिप्टो मार्केट में आशंका रहती है. इसी कारण से कुछ महीने पहले स्टेबलकॉइन TerraUSD में भारी गिरावट के बाद क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली हुई थी. बहुत से देशों में फाइनेंशियल रेगुलेटर्स ने चेतावनी दी है कि स्टेबलकॉइन्स से वित्तीय स्थिरता के लिए रिस्क हो सकता है.  

लगभग दो महीने पहले Tether के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर Paolo Ardoino ने बताया था कि Tether ने लगभग 16 अरब डॉलर की रिडेम्प्शंस को प्रोसेस किया है. क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के कारण बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स ने Tether में अपनी होल्डिंग्स को वापस डॉलर में कन्वर्ट किया था. स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं. ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है. USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं. 

क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है. इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है. प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है. स्टेबलकॉइन्स में हाल की गिरावट से इनवेस्टर्स को काफी नुकसान हुआ था. अमेरिका में स्टेबलकॉइन्स के इश्युअर्स को बैंक जैसे रेगुलेशंस और निगरानी का सामना करना पड़ेगा. इससे जुड़े एक बिल का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. कुछ अन्य देशों में भी स्टेबलकॉइन्स से जुड़ी फर्मों की स्क्रूटनी बढ़ाई जा रही है.

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