JP Morgan की क्रिप्टो सेगमेंट में बड़े इनवेस्टमेंट की तैयारी

JP Morgan के ब्लॉकचेन बेस्ड कोलेट्रल सेटलमेंट सिस्टम के दायरे को हाल ही में बढ़ाकर इसमें BlackRock के कैपिटल मार्केट फंड शेयर्स की कॉपीज को टोकनाइज किया गया था

Advertisement
Read Time: 3 mins
DeFi सेगमेंट में गैर कानूनी क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शंस की संख्या तेजी से बढ़ी है

फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म JP Morgan को डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) से बिजनेस तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. JP Morgan ने इंस्टीट्यूशनल DeFi में बड़ा इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है. इंस्टीट्यूशनल DeFi का मतलब नो-युअर-कस्टमर स्टैंडर्ड्स को क्रिप्टो के बिना अनुमति की जरूरत वाले लेंडिंग पूल्स पर लागू करना है. 

JP Morgan की Onyx Digital Assets के प्रमुख Tyrone Lobban का मानना है कि अमेरिकी ट्रेजरी या कैपिटल मार्केट फंड शेयर को टोकनाइज करने से इनका इस्तेमाल DeFi पूल्स में कोलेट्रल के तौर पर किया जा सकेगा. उन्होंने कहा, "इसका लक्ष्य इन अरबों डॉलर के एसेट्स को DeFi में लाना है जिससे हम इन नए मैकेनिज्म का इस्तेमाल ट्रेडिंग और लेंडिंग में इंस्टीट्यूनल एसेट्स के साइज के साथ कर सकेंगे." JP Morgan के ब्लॉकचेन बेस्ड कोलेट्रल सेटलमेंट सिस्टम के दायरे को हाल ही में बढ़ाकर इसमें BlackRock के कैपिटल मार्केट फंड शेयर्स की कॉपीज को टोकनाइज किया गया था. 

Lobban ने बताया कि  Onyx Digital Assets की ब्लॉकचेन पर इस प्रकार की एप्लिकेशन की ट्रेडिंग वॉल्यूम 350 अरब डॉलर पर पहुंच गई है. इस ब्लॉकचेन पर भुगतान JPMorgan के डिजिटल टोकन JPM टोकन में किया जाता है. इसके अलावा सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी ने JP Morgan, DBS Bank और Marketnode के साथ मिलकर Project Guardian कहा जाने वाला एक एक्सपेरिमेंट किया है. इसमें टोकनाइज्ड बॉन्ड्स और डिपॉजिट्स के अनुमति वाले लिक्विडिटी पूल का इस्तेमाल इंस्टीट्यूशनल DeFi को टेस्ट करने के लिए किया जाता है.

इसमें DeFi और क्रिप्टो कस्टोडियल फर्मों के बजाय बड़े फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की ओर से क्लाइंट्स की इनफॉर्मेशन को वैलिडेट किया जाता है. इसमें ट्रेडर को यह दिखाना होता है कि उसके पास ट्रेड करने के लिए बैंक की ओर से कानूनी अनुमति है. JPMorgan ने यह नहीं चुना है कि वह किन DeFi प्लेटफॉर्म्स और फर्मों के साथ काम करेगी लेकिन उसका कहना है कि ये अच्छी साख वाली फर्में होंगी. हाल के वर्षों में DeFi सेगमेंट में गैर कानूनी क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शंस की संख्या तेजी से बढ़ी है. इस वर्ष हैकर्स ने अभी तक लगभग 1.7 अरब डॉलर के डिजिटल एसेट्स की चोरी की है. हैकर्स के अटैक्स में से 97 प्रतिशत में DeFi प्रोटोकॉल्स को निशाना बना गया था. इस वजह से DeFi को लेकर सिक्योरिटी की जरूरत बढ़ गई है. 
 

Featured Video Of The Day
Russia के दौरे पर जाएंगे PM Modi, तीसरे कार्यकाल का पहला द्विपक्षीय दौरा