IMF ने कहा, इक्विटी और क्रिप्टो मार्केट्स में बढ़ सकती है गिरावट

स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है

पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के बड़े कारणों में स्टेबलकॉइन TerraUSD का धाराशायी होना शामिल है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का मानना है कि इक्विटी और क्रिप्टो मार्केट्स में गिरावट बढ़ सकती है. IMF के डायरेक्टर (मॉनेटरी एंड कैपिटल मार्केट्स) Tobias Adrian ने कहा कि ऐसी स्थिति में स्टेबलकॉइन्स के लिए अधिक रिस्क है. 

Tobias ने Yahoo Finance को बताया, "क्रिप्टो मार्केट्स में और बिकवाली हो सकती है. कुछ एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन्स में भारी गिरावट आई है और कुछ अन्य नाकाम हो सकते हैं. इनके साथ किसी एसेट का जुड़ाव नहीं है." हालांकि, उनका यह भी कहना था कि 100 प्रतिशत कैश के जुड़ाव वाले स्टेबलकॉइन्स को लेकर आशंका कम है. Tobias ने कहा कि अथॉरिटीज को एक्सचेंजों और वॉलेट्स प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करना चाहिए. उन्होंने बताया कि लगभग 40,000 कॉइन्स मौजूद हैं. इन्हें रेगुलेट करना मुश्किल होगा लेकिन एक्सचेंजों और वॉलेट प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करने से स्थिति में सुधार हो सकता है. 

उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसीज के नाकाम होने का असर मुख्य फाइनेंस सेक्टर पर नहीं पड़ा है. बैंकों का क्रिप्टोकरेंसीज के जरिए छिपे हुए एसेट्स में इनवेस्टमेंट नहीं है. स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं. ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है. USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं. क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है. इसका इस्तेमाल ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है. 

प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है. ग्लोबल रेगुलेटर्स का कहना है कि स्टेबलकॉइन्स को पेमेंट्स के सामान्य जरियों के समान रूल्स का पालन करना चाहिए. सिक्योरिटीज रेगुलेटर्स की ग्लोबल संस्था IOSCO और सेंट्रल बैंकों से जुड़े बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) ने बताया है कि इस बारे में प्रपोजल्स को स्वीकार किया गया है. इन प्रपोजल्स में कहा गया है कि बड़े स्टेबलकॉइन्स के लिए पेमेंट सेक्टर से जुड़े मौजूदा रूल्स लागू होने चाहिए. यह स्टेबलकॉइन्स के लिए समान रिस्क, समान रेगुलेशन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. 

Featured Video Of The Day
Maharashtra Elections: Kolhapur में Congress के साथ हुआ बड़ा खेला, Madhurima Raje ने वापस लिया नाम