ब्लॉकचेन के अपग्रेड से पहले Ether के प्राइस में तेजी

क्रिप्टोकरेंसीज के मार्केट में Ether की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत की हो गई है. इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 1.14 लाख करोड़ डॉलर का है

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क्रिप्टोकरेंसीज के मार्केट में Ether की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत की हो गई है

प्रमुख ब्लॉकचेन्स में से एक Ethereum का अपग्रेड 'Merge' अगले महीने होने की संभावना है. इस अपग्रेड में कई बार देरी हो चुकी है. हालांकि, इसके अब लॉन्च होने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. इससे इस ब्लॉकचेन से जुड़े क्रिप्टो टोकन Ether के प्राइस में भी बढ़ोतरी हो रही है.

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, Ether में लगातार छह सप्ताह तक बढ़ोतरी हुई है. जून के मध्य में यह लगभग 880 डॉलर से बढ़कर लगभग 2,000 डॉलर पर पहुंच चुका है. हालांकि, यह पिछले वर्ष नवंबर में 4,868.79 डॉलर के अपने उच्च स्तर से काफी कम है. मार्केट कैपिलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में इसकी तुलना में रिकवरी कम रही है. CoinMarketCap के डेटा के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसीज के मार्केट में Ether की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत की हो गई है. इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 1.14 लाख करोड़ डॉलर का है. इस मार्केट में बिटकॉइन की हिस्सेदारी लगभग दो महीने पहले 44.9 प्रतिशत की थी जो घटकर लगभग 40.2 प्रतिशत रह गई है. 

इस अपग्रेड में Ethereum के डिवेलपर्स इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग कर रहे हैं. इससे Ethereum की एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है. इस्तेमाल के लिए रिलीज किए जाने से पहले नेटवर्क के कुछ टेस्ट किए जाएंगे. इन टेस्ट से डिवेलपर्स को अपग्रेड होने के बाद नेटवर्क के प्रदर्शन को समझने में मदद मिलेगी. इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. 

अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है. Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है. Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर होने का अनुमान है. इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है. क्रिप्टो एक्टिविटीज के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी. इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था. कुछ अन्य देशों में भी इसी कारण से क्रिप्टो माइनिंग का विरोध हो रहा है.

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