8,000 करोड़ डॉलर की मार्केट कैप वाले Dogecoin के क्रिएटर ने कमाए मात्र 3,000 डॉलर

2015 में, मार्कस ने अपने कॉइन्स को किराया देने के लिए बेच दिया था. उसी समय Dogecoin के अन्य को-क्रिएटर, जैक्सन पामर (Jackson Palmar) ने भी प्रोजेक्ट से हटने का फैसला किया था.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
2015 में Billy Markus ने अपने सभी कॉइन्स बेच दिए थे
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
Billy Markus ने 2015 में बेच दिए थे अपने सभी कॉइन्स
अरने ट्वीट थ्रेड में उन्होंने उनकी आलोचना करने वालो को जवाब दिया है
हाल में Shiba Inu के Metaverse प्रोजेक्ट की आलोचना भी कर चुके हैं Markus

Dogecoin के को-क्रिएटर बिली मार्कस ने ट्विटर पर लोगों की गलतफहमी को दूर करते हुए प्रोजेक्ट से हुई कुल कमाई की जानकारी दी है. उन्होंने उनकी आलोचना करने वालों को भी जवाब दिया. Dogecoin आज मीम-कॉइन में सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी में से एक है. डॉजकॉइन की कुल मार्केट कैप करीब 80 बिलियन डॉलर (लगभग 6 लाख करोड़ रुपये) है. अब यदि आप सोच रहे हैं कि इसके क्रिएटर के पास इस प्रोजेक्ट की वजह से बहुत पैसा होगा, तो आप गलत होंगे.

Shibetoshi Nakamoto नाम से ट्विटर हैंडल चलाने वाले Billy Markus ने बताया है कि उन्होंने Dogecoin को विकसित कर केवल 3,000 डॉलर (लगभग 2.26 लाख रुपये) ही कमाए हैं. उन्होंने यह भी माना है कि इतनी कम कमाई करने की बात उन्हें बहुत चुभती भी है. उन्होंने इस बात को समझाने के लिए 'salty' (नमकीन) शब्द का इस्तेमाल किया.


मार्कस ने ट्वीट में लिखा (अनुवादित), "लोग हमेशा मुझे सॉल्टी कहते हैं. बेशक मैं सॉल्टी हूं! मैंने 80 बिलियन डॉलर की मार्केट कैप वाली क्रिप्टोकरेंसी बनाने से 3,000 डॉलर बनाया हैं." उन्होंने आगे लिखा, "स्कैमर देखना पूरे दिन लाखों [पैसे] बनाते हैं + अजनबी लोग पूरे दिन मुझ पर हमला करते हैं, इससे कौन सॉल्टी नहीं होगा."

डॉजकॉइन को बनाने के लिए 3,000 डॉलर की कमाई करने पर एक ट्विटर यूज़र ने लिखा कि उनकी मामूली कोडिंग के लिए 3,000 डॉलर काफी थे. इसपर मार्कस ने असहमती दिखाते हुए लिखा, "तुम गलत नहीं हो, लेकिन फिर भी, मेरे द्वारा इसमें [प्रोजेक्ट पर] डाले गए कुल वास्तविक घंटों को देखते हुए (प्रारंभिक निर्माण से परे) यह शायद न्यूनतम वेतन से कम है."

2015 में, मार्कस ने अपने कॉइन्स को किराया देने के लिए बेच दिया था. उसी समय Dogecoin के अन्य को-क्रिएटर, जैक्सन पामर (Jackson Palmar) ने भी प्रोजेक्ट से हटने का फैसला किया था. मार्कस ने भी बाद में प्रोजेक्ट को छोड़ने का फैसला लिया. मार्कस ने एक ट्विटर यूजर के सवाल के जवाब में स्वीकारा कि उन्हें 2015 में सारे कॉइन्स बेचने के फैसले पर निराशा है.

हाल ही में मार्कस ने Shiba Inu के क्रिएटर्स की ओर इशारा करते हुए उनकी आलोचना की जो निवेशकों को इस प्रोजेक्ट में आकर्षित करने के लिए 'फालतू वादे' करते हैं. Cryptopotato की रिपोर्ट के अनुसार, शीबा इनु के नए मेटावर्स प्रोजेक्ट की इथेरियम (Ethereum) से "रेंडम मेटावर्स" और "नकली जमीन बेचने" के रूप में आलोचना की और कहा कि अगर वह एक SHIB होल्डर होते तो वह इस परियोजना से नाराज होते.

Featured Video Of The Day
Noida में 'जानलेवा गमलों' को दीवार से हटाने का आदेश, NDTV ने चलाई थी 'बालकनी से गमले हटाओ' मुहिम