DeFi ऐप Mirror Protocol को LUNA Classic से लगा झटका

Mirror Protocol एक डीसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन है जिस पर स्टॉक्स जैसे एसेट्स के प्राइस को ट्रैक किया जा सकता है

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LUNA टोकन्स के 35 प्रतिशत गिरावट से पहले के LUNA और UST होल्डर्स को एयरड्रॉप किए जाएंगे

पिछले कुछ महीनों से मुश्किलों का सामना कर रही Terra पर डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप Mirror Protocol को एक और झटका लगा है. इसका कारण प्राइस के कन्फिग्रेशन में हुई एक गलती है. हाल ही में यह खुलासा हुआ था कि लगभग सात महीने पहले इस ऐप में सेंध लगाकर लगभग 9 करोड़ डॉलर की चोरी की गई थी.

इस बार अटैकर ने पुराने Terra Classic (LUNC) टोकन के नए  LUNA टोकन के साथ प्राइस के मैच न होने का फायदा उठाया है. इस ऐप को लगभग 2 करोड़ डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. इसकी पुष्टि ट्विटर पर एक यूजर और Terra Research Forum के मेंबर ने की है. इसी व्यक्ति ने Mirror Protocol में सेंध लगने के पिछले मामले का भी खुलासा किया था. Mirror Protocol ने हैकिंग का पता चलने के बाद कोलेट्रल के तौर पर mBTC, mETH, mGLXY और mDOT को डिसएबल कर दिया है. इससे अटैकर को लिक्विडिटी पूल को पूरी तरह खाली करने से रोका जा सकेगा. 

Mirror Protocol एक डीसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन है जिस पर स्टॉक्स जैसे एसेट्स के प्राइस को ट्रैक किया जा सकता है. इसके कोर कॉन्ट्रैक्ट्स Terra Classic पर हैं लेकिन इसके एसेट्स Ethereum जैसे नेटवर्क्स पर उपलब्ध हैं. Terra के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Do Kwon की ओर से पेश की गई रिकवरी की योजना पर हाल ही में वोटिंग हुई थी. इसमें Terra के इनवेस्टर्स में से 65 प्रतिशत से अधिक ने इस प्रपोजल को स्वीकृति दी है. हालांकि, इस प्रपोजल को लेकर विवाद भी शुरू हो गया था.

प्रपोजल को स्वीकृति मिलने का मतलब है कि केवल LUNA के लिए एक नई ब्लॉकचेन शुरू की जाएगी और LUNA टोकन को LUNA Classic कहा जाएगा. पुरानी Terra ब्लॉकचेन मौजूद रहेगी लेकिन इससे जुड़ी टीम ने नाकाम हुए स्टेबलकॉइन UST को छोड़ने का फैसला किया है. प्रपोजल के तहत, Terra की टीम अपनी कम्युनिटी को एक आगामी एयरड्रॉप के लिए कई सेंट्रलाइज्ड एक्सचेंजों से सपोर्ट हासिल करने पर काम कर रही है. LUNA टोकन्स के 35 प्रतिशत गिरावट से पहले के LUNA और UST होल्डर्स को एयरड्रॉप किए जाएंगे. टोकन के वितरण का एक बड़ा हिस्सा Terra dApp डिवेलपर्स और पूरे इकोसिस्टम के लिए एलोकेट होगा. स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं. ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है. 

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