आज से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर लगेगा 30 फीसदी का टैक्स, जानें क्या पड़ेगा असर

आज से क्रिप्टोकरेंसी भी कर के दायरे में आ गई है और शुक्रवार से इसपर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. दरअसल एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो गई है. जिसके साथ ही आज से क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाली आय पर कर देना होगा.

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नई दिल्ली:

आज से क्रिप्टोकरेंसी भी कर के दायरे में आ गई है और शुक्रवार से इसपर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. दरअसल एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो गई है. जिसके साथ ही आज से क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाली आय पर कर देना होगा. जिन लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया है उनपर नए वित्त वर्ष के साथ ही टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा. 

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 के दौरान क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी या अन्य क्रिप्टो एसेट से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी तक कर वसूलने का ऐलान किया था. इस घोषणा पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा था कि बजट में क्रिप्टो करेंसी या ऑनलाइन डिजिटल संपत्तियों को कर के दायरे में लाने की घोषणा आयकर विभाग के लिए देश में इस मुद्रा के कारोबार की ‘गहराई' का पता लगाने, निवेशकों तथा उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मददगार होगी.  इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा.

आयकर रिटर्न में मिलेगा संशोधन का विकल्प

क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स के अलावा आज से कई आयकर प्रस्ताव भी लागू हो जाएंगे. 50 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति की बिक्री पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने के संशोधित दिशा-निर्देश भी एक अप्रैल से लागू होगा. संशोधित नियमों के अनुसार रिटर्न या स्टाम्प शुल्क मूल्य, जो भी अधिक हो, उस पर एक प्रतिशत का टीडीएस काटा जाएगा.

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अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से मूल आईटीआर में कोई चूक होने पर आयकरदाताओं के पास अपने आयकर रिटर्न में संशोधन करने का विकल्प होगा. करदाताओं को इस तरह का संशोधित रिटर्न प्रत्येक वित्त वर्ष में केवल एक बार दाखिल करने की अनुमति होगी.

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इसके अलावा एक अप्रैल, 2022 से वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाली आय पर 30 फीसदी कर लगेगा. इस आय पर करदाताओं की कुल आय 2.50 लाख रुपये की सीमा से कम होने के बावजूद कर लगाया जाएगा.

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नांगिया एंडरसन एलएलपी भागीदार नीरज अग्रवाल ने कहा कि धारा 14 ए के तहत खर्चों को शामिल करने की अनुमति एक अप्रैल, 2022 से नहीं होगी. छूट प्राप्त आय अर्जित करने के लिए किए गए खर्च पर कटौती की अनुमति नहीं होगी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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