Crypto स्कैम : माइनिंग स्‍कीम में इन्‍वेस्‍टमेंट के नाम पर मुंबई के व्यक्ति से 1.57 करोड़ रुपये का फ्रॉड

शिकायतकर्ता की पिछले वर्ष अक्टूबर में इस मामले के आरोपी से ऑनलाइन पहचान हुई थी. आरोपी ने कुछ दिनों बाद उन्हें क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में इनवेस्टमेंट को लेकर संपर्क किया था

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पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट में जालसाजी के मामले बढ़े हैं

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े इनवेस्टमेंट स्कैम में मुंबई के एक व्यक्ति के साथ 1.57 करोड़ रुपये की जालसाजी हुई है. इस व्यक्ति ने एक वेबसाइट पर क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग स्कीम में इनवेस्ट का लालच देकर फंसाने का आरोप लगाया है. यह मामला मालाबार हिल पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता की पिछले वर्ष अक्टूबर में इस मामले के आरोपी से ऑनलाइन पहचान हुई थी. आरोपी ने कुछ दिनों बाद उन्हें क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में इनवेस्टमेंट को लेकर संपर्क किया था.

आरोपी ने शिकायतकर्ता को बताया था कि एक वेबसाइट के जरिए क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग हार्डवेयर में इनवेस्टमेंट कर वह अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं. शिकायतकर्ता ने इस स्कीम में इनवेस्ट किया और इसके बाद आरोपी के कहने पर उन्होंने और रकम लगाई थी. शुरुआत में उनके वर्चुअल वॉलेट में प्रॉफिट भी क्रेडिट किया गया था. पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने लगभग 1.57 करोड़ रुपये लगाए थे. 

हालांकि, शिकायकर्ता ने जब अपनी रकम निकालने की कोशिश की तो आरोपी ने उन्हें ऐसा करने से मना किया. इससे शिकायकर्ता को शक हुआ और उन्होंने आरोपी से अपने पूरे इनवेस्टमेंट को रिफंड करने की मांग की लेकिन आरोपी ने अपना फोन बंद कर दिया. शिकायतकर्ता को इससे झटका लगा और उन्हें यह भी पता चला कि वह वेबसाइट जाली थी. 

इस मामले की उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने  शिकायत के आधार पर एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ IPC और IT एक्ट के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस इस मामले में सर्विस प्रोवाइडर और ट्रांजैक्शंस से जुड़े बैंक से जाली वेबसाइट के साथ ही उन बैंक एकाउंट्स के बारे में जानकारी मांगी है जिनमें धोखाधड़ी से हासिल किए गए फंड को जमा किया गया था. पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट में जालसाजी के मामले बढ़े हैं. हालांकि, इनमें से अधिकतर मामलों में ट्रांजैक्शंस विदेश से जुड़ी होने के कारण फंड की रिकवरी में मुश्किल होती है. विदेश में भी क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और इनमें इनवेस्टर्स को लाखों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने क्रिप्टो स्कैम्स पर रोक लगाने के लिए इस सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाने पर जोर दिया है. 

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