क्रिप्टो लेंडिंग फर्म Vauld ने रोकी ट्रांजैक्शंस

भारत में अपनी बड़ी टीम रखने वाली फर्म ने बताया कि वह रिस्ट्रक्चरिंग के विकल्पों पर भी विचार कर रही है

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फर्म रिस्ट्रक्चरिंग के विकल्पों पर भी विचार कर रही है

मार्केट में भारी गिरावट के बीच क्रिप्टो लेंडिंग और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Vauld ने कस्टमर्स की ट्रांजैक्शंस रोक दी हैं. स्टेबलकॉइन TerraUSD के धराशायी होने के कारण शुरू हुई बिकवाली में 12 जून के बाद से सिंगापुर की इस फर्म से कस्टमर्स ने लगभग 19.8 करोड़ डॉलर का विड्रॉल किया है. 

Vauld को कई कारणों से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें मार्केट की वोलैटिलिटी और बिजनेस पार्टनर्स की वित्तीय मुश्किलें शामिल हैं. भारत में अपनी बड़ी टीम रखने वाली फर्म ने बताया कि वह रिस्ट्रक्चरिंग के विकल्पों पर भी विचार कर रही है. इसके लिए फर्म की ओर से Kroll को फाइनेंशियल एडवाइजर हायर करने के साथ ही भारत और सिंगापुर में लीगल एडवाइजर्स को भी नियुक्त किया गया है  Vauld ने संभावित इनवेस्टर्स के साथ बातचीत भी शुरू कर दी है. फर्म ने बताया, "हम अपने फाइनेंशियल और लीगल एडवाइजर्स के साथ मिलकर सभी संभावित विकल्पों को तलाश रहे हैं, जिससे फर्म के स्टेकहोल्डर्स के हितों की सुरक्षा की जा सके."  

इससे पहले क्रिप्टो लेंडिंग फर्म  Celsius Network ने कस्टमर्स की ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाई थी. इस फर्म के क्लाइंट्स की ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की रेगुलेटर्स की ओर से जांच की जा रही है. Celsius ने कहा था कि क्रिप्टो मार्केट की खराब स्थिति के कारण वह एकाउंट्स के बीच विड्रॉल और ट्रांसफर पर रोक लगा रही है. अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म के ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की टेक्सस स्टेट सिक्योरिटी बोर्ड सहित कुछ रेगुलेटर्स जांच कर रहे हैं. इस बारे में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी फर्म से जानकारी मांगी है. अल्बामा सिक्योरिटीज कमीशन के डायरेक्टर Joseph Borg का कहना था, "मैं इससे चितित हूं कि रिटेल इनवेस्टर्स सहित फर्म के क्लाइंट्स को उनके एसेट्स को रिडीम करने की जरूरत हो सकती है लेकिन वे ऐसा कर सकते. इससे उनकी वित्तीय मुश्किलें बढ़ सकती हैं."

इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं. बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था. एक्सचेंज का कहना है कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है. इस फैसले से एक्सचेंज के 1,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी होने का अनुमान है. 

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