क्रिप्टो के लिए ट्रेडिंग इकोसिस्टम बना रही Citadel Securities और Virtu Financial

इससे ब्रोकरेज फर्में क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस की सुविधा दे सकेंगी. इसमें इनवेस्टमेंट करने वाली फर्मों में Sequoia Capital और Paradigm शामिल हैं

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यह प्रोजेक्ट शुरुआती दौर में है

ट्रेडिंग फर्में Citadel Securities और Virtu Financial एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग इकोसिस्टम बनाने की तैयारी कर रही हैं. इससे ब्रोकरेज फर्में अपने कस्टमर्स को क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस की सुविधा दे सकेंगी. इस प्रोजेक्ट में इनवेस्टमेंट करने वाली फर्मों में Sequoia Capital और Paradigm शामिल हैं. 

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रोजेक्ट शुरुआती दौर में है. इस ट्रेडिंग इकोसिस्टम को बनाने के लिए Fidelity Investments और Charles Schwab की मदद ली जा रही है. Charles Schwab ने बताया कि उसने इस डिजिटल एसेट वेंचर में इनवेस्टमेंट किया है. Charles Schwab ने एक स्टेटमेंट में कहा, "हमारा मानना है कि क्रिप्टोकरेंसीज में दिलचस्पी बढ़ रही है. हम इस सेगमेंट को लेकर रेगुलेटरी स्थिति स्पष्ट होने पर क्रिप्टोकरेंसीज का सीधा एक्सेस देने पर विचार करेंगे." यह प्रोडक्ट अगले वर्ष की शुरुआत तक उपलब्ध हो सकता है. 

हाल के महीनों में कुछ देशों ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने की योजना पर काम शुरू किया है. अमेरिका में फेडरल रिजर्व CBDC लॉन्च करने की संभावना तलाश रहा है. रूस ने डिजिटल रूबल कही जाने वाली अपनी CBDC की टेस्टिंग शुरू कर दी है. इस वर्ष की शुरुआत में चीन ने विंटर ओलंपिक्स के दौरान अपने डिजिटल युआन का परीक्षण किया था. चीन में डिजिटल युआन का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. कैरिबियन देश जमैका की डिजिटल करंसी Jam-Dex जल्द लॉन्च हो रही है और इसके शुरुआती एक लाख यूजर्स को अतिरिक्त 16 डॉलर का फायदा मिलेगा.

 जमैका की सरकार ने इस डिजिटल करेंसी की लोगों के बीच लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इंसेंटिव देने की स्ट्रैटेजी बनाई है. इसकी टेस्टिंग पिछले वर्ष पूरी की गई थी. जमैका के सभी लोगों के पास एक वॉलेट प्रोवाइडर या बैंक के जरिए Jam-Dex तक पहुंच होगी. बैंक एकाउंट रखने वाले जमैका के सभी लोग ऑटोमैटिक तरीके से Jam-Dex डिजिटल वॉलेट प्राप्त कर सकेंगे. CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है, जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल रहता है. यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह काम करता है लेकिन  क्रिप्टोकरेंसीज की तरह CBDC में वोलैटिलिटी और अन्य रिस्क नहीं होते. CBDC पर ट्रांजैक्शंस को सरकार की ओर से ट्रैक किया जा सकता है. भारत में इस फाइनेंशियल ईयर में CBDC लॉन्च की जा सकती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि CBDC को मौजूदा मॉनेटरी पॉलिसी के साथ ही पेमेंट सिस्टम्स के साथ भी जोड़ा जाएगा. 
 

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