क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने वालों में केवल युवा व्यक्ति शामिल नहीं हैं. अमेरिका में बहुत से लोग अपनी रिटायरमेंट पर फंड जुटाने में मदद के लिए क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट कर रहे हैं. हालांकि, क्रिप्टो मार्केट में हाल में आई भारी गिरावट से यह रिमाइंडर मिला है कि यह सेगमेंट रिस्क उठाने की अधिक क्षमता रखने वालों के लिए है.
मार्केट कैप के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का प्राइस पिछले वर्ष नवंबर में 69,000 डॉलर के हाई लेवल से लगभग 60 प्रतिशत गिरकर लगभग 30,000 डॉलर पर है. क्रिप्टो मार्केट में गिरावट से इनवेस्टर्स को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है. क्रिप्टो एक्सचेंज KuCoin के एक सर्वे से पता चला है कि पिछले छह महीनों में अमेरिका में 18-60 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में से लगभग 27 प्रतिशत ने पास क्रिप्टोकरेंसीज थी या उन्होंने इसमें ट्रेडिंग की थी. इस एसेट क्लास में उम्रदराज लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है. मार्च के अंत में हुए इस सर्वे के अनुसार, 50 वर्ष और इससे अधिक आयु के लगभग 28 प्रतिशत लोगों ने अपनी जल्द रिटायरमेंट की योजना के हिस्से के तौर पर पर क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट किया है.
ये लोग इसे फाइनेंस सेक्टर में बड़े बदलाव के तौर पर देख रहे हैं और इस लोकप्रिय ट्रेंड में पीछे नहीं छूटना चाहते. इसके अलावा वे क्रिप्टो को अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ करने का जरिया भी मानते हैं. Reuters की एक रिपोर्ट में Neuberger Berman के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर Erik Knutzen के हवाले से बताया गया है, "अगर इनवेस्टर्स की क्रिप्टो में दिलचस्पी है तो उन्हें अपने पोर्टफोलियो में इसका एलोकेशन कम रखना चाहिए और इस नुकसान उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए. हम प्रत्येक व्यक्ति को इसकी सलाह नहीं देंगे."
JP Morgan ने बताया कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) सहित बिटकॉइन फंड्स में पिछले एक वर्ष की अवधि में सबसे अधिक बिकवाली हुई है. यह माना जाता है कि रिटायरमेंट के उद्देश्यों के लिए क्रिप्टो से बचना चाहिए क्योंकि इसमें वोलैटिलिटी अथिक होती है. इस सेगमेंट को लेकर रेगुलेशंस की भी कमी है. इस वजह से इसमें नुकसान होने पर इनवेस्टर्स के लिए सुरक्षा नहीं होती. क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं. रेगुलेटर्स ने इन मामलों को रोकने के लिए क्रिप्टो सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाने की जरूरत बताई है.