"अपराध गंभीर है...": अदालत ने चलती ट्रेन में 4 लोगों की हत्या करने वाले RPF कांस्टेबल को जमानत नहीं दी

चौधरी फिलहाल महाराष्ट्र के अकोला की जेल में बंद है और उसे सुनवाई के दौरान अदालत में पेश किया गया था. उसने पिछले महीने अपने वकीलों अमित मिश्रा और पंकज घिल्डियाल के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए जेड खान ने चौधरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी.
मुंबई:

एक अदालत ने इस साल जुलाई में चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहयोगी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में बर्खास्त किये गये रेलवे सुरक्षा बल (आपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी को शनिवार को जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि अपराध के समय आरोपी ‘बिल्कुल होशो-हवास में' था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ढिंढोसी अदालत) ए जेड खान ने चौधरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी और कहा कि अपराध गंभीर है.

अदालत ने कहा कि चौधरी ने केवल अपने वरिष्ठ की, बल्कि एक खास समुदाय के तीन अन्य को खास तौर पर निशाना बनाते हुए उन्हें मार डाला. उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए खान ने कहा कि आरोपी ने जो शब्द बोले, उनसे स्पष्ट पता चलता है कि ‘‘वह एक खास समुदाय के लोगों की हत्या करने के दौरान बिल्कुल ठीक-ठाक मानसिक स्थिति में था.''

चौधरी फिलहाल महाराष्ट्र के अकोला की जेल में बंद है और उसे सुनवाई के दौरान अदालत में पेश किया गया था.

उसने पिछले महीने अपने वकीलों अमित मिश्रा और पंकज घिल्डियाल के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी. जिसमें उसने कहा था कि उसे लगता है कि ‘‘उसपर भूतप्रेत की साया'' थी, इसलिए वह ऐसी अजीब हरकत कर रहा था.

इस मामले की जांच कर रही राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने यह कहते हुए चौधरी की जमानत अर्जी का विरोध किया कि ऐसा लगता है कि उसके मन में एक खास समुदाय के प्रति ‘गुस्सा एवं द्वेष' है तथा उसने अपने गुनाह को लेकर कोई अफसोस नहीं जताया.

जीआरपी ने यह भी कहा कि यदि उसे जमानत दी जाती है, तो इससे कानून के बारे में नकारात्मक छवि पेश हो सकती है तथा कुछ धार्मिक समूहों में डर और असुरक्षा पैदा हो सकती है.

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मृतक असगर शेख की पत्नी उमेशा खातून ने भी चौधरी की जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि आरोपी ‘आतंकवादी मानसिकता का व्यक्ति' है तथा वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. खातून ने अपने वकीलों करीम पठान और फजलुररहमान शेख के जरिये अदालत में अपनी बातें रखीं.

महाराष्ट्र में पालघर रेलवे स्टेशन के पास 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में यह घटना घटी थी. चौधरी ने बी 5 कोच में अपने स्वचालित हथियार से गोली चलाकर आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा तथा एक यात्री की हत्या कर दी थी. उसके बाद उसने पैंट्री कार में एक अन्य यात्री तथा एस 6 डिब्बे में एक और यात्री को मार डाला था.

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बाद में यात्रियों ने चेन खींची, तब ट्रेन (मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क पर) मीरा रोड स्टेशन के समीप रुक गयी। चौधरी ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन यात्रियों ने उसे पकड़ लिया था.

अक्टूबर में पुलिस ने चौधरी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. उसके खिलाफ भादंसं, रेलवे अधिनियम तथा महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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