बाइक बोट केस में आरोपियों को SC से बड़ी राहत, दिल्ली-यूपी की कुल 119 FIR का एक में विलय

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब यह सभी एफआईआर का, अब पहली दर्ज एफआईआर संख्या 206/2019 पीएस-दादरी, जिला- गौतमबुद्ध नगर, यूपी में विलय हो गया है. अब सभी दर्ज एफआईआर की सुनवाई एक कोर्ट में ही होगी.

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बाइक बोट घोटाले के दो आरोपियो को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में हुए अब तक के सबसे बड़े 42,000 करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले के दो आरोपियो सत्येंद्र सिंह भसीन उर्फ मोंटू भसीन और दिनेश पांडे को सर्वोच्च न्यायालय से एक बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने 19 मई 2022 को दिए अपने फैसले में बाइक बोट मामले में दर्ज सभी एफआईआर को एक मुख्य एफआईआर में समेकित और विलय कर दिया है. इस घोटाले में उत्तर प्रदेश में 118 एफआईआर और दिल्ली में एक एफआईआर दर्ज है. 

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब यह सभी एफआईआर का, अब पहली दर्ज एफआईआर संख्या 206/2019 पीएस-दादरी, जिला- गौतमबुद्ध नगर, यूपी में विलय हो गया है. अब सभी दर्ज एफआईआर की सुनवाई एक कोर्ट में ही होगी. अपना निर्णय को देते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति जे.बी. परदीवाला ने कहा कि एक की प्रकृति और शिकायत सभी एफआईआर होने के कारण कार्रवाइयों की बहुलता व्यापक जनहित में नहीं है.

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सर्वोच्च न्यायालय ने इसके लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत सभी एफआईआर को एक सिद्धांत की एफआईआर में विलय करने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है.

सर्वोच्च न्यायालय से पहले सत्येंद्र सिंह भसीन उर्फ मोंटू भसीन और दिनेश पांडे को 2020-21 में बाइक बोट मामले में संबंधित दर्ज सभी एफआईआर में नियमित जमानत दे दी थी. ये जमानत इस अधार पर दी गई थी कि दोनों का नाम न तो एफआईआर में था और न ही मेसर्स गारविट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के निदेशक, पदाधिकारी या प्रबंधक की सूची- जिनके द्वारा बाइक-बॉट योजना शुरू की गई थी.

यह थी बाइक बोट घोटाले की स्कीम

संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से 2010 में कंपनी बनाई थी. इसके बाद 2018 में बाइक बोट स्कीम लॉन्च की गई थी. स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई. इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62200 रुपये का निवेश कराया गया. उसके एवज में 1 साल तक 9765 रुपये देने का वादा किया गया. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने देशभर में स्कीम में निवेश के जानिए मोटा मुनाफा देने का लालच देकर लाखों लोगों से ठगी की है.

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इस कंपनी के नाम पर लोगों को बाइक टैक्सी में निवेश का ऑफर दिया गया था. इसके तहत 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई और फिर सभी आरोपी फरार हो गए. निवेश करने वालों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए, बाद में संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए थे.

मुख्य आरोपी संजय भाटी समेत 24 आरोपी जेल में

इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी संजय भाटी और बीएन तिवारी समेत कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसमें दो आरोपी मोंटी भसीन और दिनेश पांडेय को जमानत मिल चुकी है और अब कुल 24 आरोपी गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद है. इस मामले में अभी मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल समेत 4 आरोपी अभी फरार हैं जिनको अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है. बिजेंद्र हुड्डा इस समय भारत से बाहर है. इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो चुका है.

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