प्रवर्तन निदेशालय (ED) का इतना डर है कि अब एजेंसी के नाम पर फ़र्ज़ी गैंग बन गए हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ईडी के फ़र्ज़ी समन भेजकर कारोबारियों से जबरन वसूली करने वाले गैंग के मास्टरमाइंड समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने हाल ही में मुंबई के एक कारोबारी को प्रवर्तन निदेशालय का फर्जी नोटिस भेजकर 15 से 20 करोड़ मांगे थे. आरोपी "स्पेशल 26" मूवी से प्रेरित थे.
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रवीन्द्र यादव के मुताबिक पकड़े गए आरोपी अखिलेश मिश्रा, दर्शन हरीश जोशी, विनोद कुमार पटेल, धर्मेंद्र कुमार गिरी, नरेश महतो, असरार अली, विष्णु प्रसाद, देवेंद्र कुमार दुबे और गजेंद्र हैं. दरअसल नवी मुंबई के रहने वाले हरिदेव सिंह निप्पॉन इंडिया पेंट्स लिमिटेड के अध्यक्ष हैं. उनको ईडी की तरफ से दो नोटिस मिले. उनके सहयोगी को अखिलेश मिश्रा ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है और जल्द ही वे मुसीबत में होंगे. वह उनको दिल्ली में ईडी कार्यालय में अपने संपर्क के जरिए मुसीबत से निकालने में मदद कर सकता है. शिकायतकर्ता को आशंका के साथ-साथ संदेह भी हुआ.
शिकायतकर्ता को फिर वही नोटिस स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्राप्त हुआ. उन्होंने आरोपी व्यक्तियों से संपर्क किया. आरोपियों ने शुरू में 2-3 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और आगे दिल्ली में 9 से 14 नवंबर के बीच मिलने के लिए कहा. आरोपी अखिलेश मिश्रा, उनके बेटे और दर्शन हरीश जोशी ने कई बार अलग-अलग मोबाइल नंबरों से शिकायतकर्ता से संपर्क करने की कोशिश की और उन्हें ईडी का भय दिखाया.
शिकायतकर्ता ने 11 नवंबर 2022 को आरोपी दर्शन हरीश जोशी से फोन पर बात की और इस नोटिस को रद्द करने का अनुरोध कर पैसे देने की बात कही. इस पर आरोपी ने समझौता करने के लिए मिलने पर जोर दिया. शिकायतकर्ता ने 12 नवंबर 2022 को आरोपियों अखिलेश मिश्रा और दर्शन हरीश जोशी से मुंबई हवाई अड्डे के गेट नंबर दो पर मुलाकात की.
आरोपियों ने शिकायतकर्ता को बताया कि ईडी को हजारों करोड़ की संपत्ति मिली है और यह मामला करोड़ों रुपये से ही सुलझाया जाएगा. इसके लिए अखिलेश मिश्रा और दर्शन हरीश जोशी को शिकायतकर्ता के खर्चे पर दिल्ली जाना होगा और उनके रहने और खाने की व्यवस्था करनी होगी. पीड़ित ने 14 नवंबर 2022 के लिए दोनों आरोपियों के मुंबई से दिल्ली के लिए हवाई टिकट बुक किए. नई दिल्ली के अशोका होटल में एक बैठक तय की गई. आरोपियों ने पीड़ित से 20 करोड़ रुपये मांगे. इसी बीच पीड़ित ने पुलिस को सूचना दे दी.
पुलिस की एक टीम द अशोक होटल पहुंची और अखिलेश मिश्रा और दर्शन हरीश जोशी (दोनों मुंबई से) को होटल के लाउंज से पकड़ लिया. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके तीन सहयोगी उसी होटल के एक कमरे में मौजूद हैं. टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए होटल के कमरे में छापेमारी की और मौके से विनोद कुमार पटेल, धर्मेंद्र कुमार गिरी और नरेश महतो को गिरफ्तार कर लिया.
विनोद कुमार पटेल ने आगे खुलासा किया कि तीन और सहयोगी उनसे क्लासिक चिकन कॉर्नर, खान मार्केट, दिल्ली में मिलेंगे. क्राइम ब्रांच की टीम ने आगे चलकर क्लासिक चिकन कॉर्नर पर छापा मारा और खान मार्केट से असरार अली, विष्णु प्रसाद और देवेंद्र कुमार दुबे को गिरफ्तार कर लिया. जैसे ही नए तथ्य सामने आए टीम ने आगे एलआर टैक्सी स्टैंड, निजामुद्दीन भोगल पर छापा मारा और एक और आरोपी गजेंद्र उर्फ गड्डू को पकड़ा और अपराध में इस्तेमाल की जा रही एक मारुति सियाज कार बरामद की.
पुलिस के मुताबिक आरोपी अखिलेश मिश्रा यूपी के बलिया का रहने वाला है और गिरोह का मास्टरमाइंड है. आरोपी दर्शन हरीश जोशी केमिकल ट्रेडर है. आरोपी विनोद कुमार पटेल के मुताबिक वह एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है और सामाजिक कार्यकर्ता है. आरोपी धर्मेंद्र कुमार गिरी रियल स्टेट ब्रोकर है.
आरोपी नरेश महतो ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाता है. आरोपी असगर अली लेबर कॉन्ट्रेक्टर है. आरोपी विष्णु प्रसाद एक पूर्व लोकसभा एमपी का पीए रहा है. आरोपी देवेंद्र कुमार दुबे असम राइफल्स में नौकरी करता है. शिकायतकर्ता से मीटिंग के दौरान उसने खुद को ईडी का डिप्टी डायरेक्टर बताया और कहा कि अपना मामला निपटा लो नहीं तो जेल जाना पड़ेगा. आरोपी गजेंद्र टैक्सी ड्राइवर है जिसने आरोपियों को टैक्सी से होटल पहुंचाया.
पुलिस अब इस गैंग के बाकी सदस्यों का पता लगा रही है और ये भी पता लगाया जा रहा है कि इस गैंग ने ईडी का डर दिखाकर कितने लोगों को नोटिस भेजे हैं.