दिल्ली के महरौली में 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर की उसके लिव-इन ब्वॉयफ्रेंड आफताब अमीन पूनावाला द्वारा की गई जघन्य हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच-पड़ताल जारी है. पुलिस ने महरौली के जंगल से और मानव अवशेष बरामद किए हैं. पुलिस को आज वहां एक खोपड़ी का आधार, एक कटा हुआ जबड़ा और हड्डियां मिलीं. पुलिस अवशेषों का श्रद्धा के पिता के डीएनए सैंपल से मिलान कराएगी जिसके लिए उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा.
आफताब ने श्रद्धा से जुड़े सारे सबूत छुपाने की बात कबूल की. उसने श्रद्धा की हत्या के बाद घर में मिली उसकी तीन तस्वीरों को नष्ट कर दिया. पुलिस ने आफताब के छतरपुर स्थित फ्लैट से श्रद्धा का बैग भी बरामद किया है, साथ ही उनके कुछ कपड़े और जूते भी मिले हैं.
दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम के आने के बाद आफताब का 'नार्को' या नार्कोएनालिसिस टेस्ट होगा.
पुलिस ने शुरुआत में 8 से 10 हड्डियां बरामद की थीं जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था. पुलिस की पड़ताल में शामिल अहम ठिकाना आफताब पूनावाला का छतरपुर में स्थित वह फ्लैट है, जहां हत्या से पहले वे दोनों रह रहे थे. पुलिस की पड़ताल में शामिल एक और अहम ठिकाना गुरुग्राम के कॉल सेंटर के पास है जहां आफताब आखिरी बार काम कर रहा था.
पुलिस पिछले तीन दिनों से रोज जंगल में सर्चिंग कर रही है. आज पुलिस दो बड़े काले प्लास्टिक बैग लेकर आफताब के फ्लैट से निकली.
पुलिस की जांच को लेकर अगले कुछ दिन महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आफताब की हिरासत बुधवार को समाप्त हो रही है और इस मामले में अहम सबूत अभी तक नहीं मिले हैं.
पुलिस ने कल आफताब के फ्लैट से काटने के लिए इस्तेमाल किए किए जाने वाले धारदार औजार बरामद किए थे. पुलिस को संदेह है कि श्रद्धा वालकर के शव को काटने के लिए इन औजारों का इस्तेमाल किया गया होगा. पुलिस को एक दिन पहले आफताब के गुरुग्राम के कार्यस्थल पर एक काला बड़ा पॉलीथिन बैग भी मिला था.
सूत्रों का कहना है कि छह महीने पुरानी हत्या की जांच फोरेंसिक रिपोर्ट, कॉल डेटा और परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर टिकी है क्योंकि कोई गवाह नहीं है.
पुलिस ने कहा है कि, श्रद्धा और आफताब मई में दिल्ली आए थे. इसके चार दिन बाद खर्च और बेवफाई को लेकर दोनों में बहस हुई और फिर आफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी. बाद में आफताब ने श्रद्धा के शव को 35 टुकड़ों में काट दिया और उन्हें फ्रिज में रख दिया. फिर उसने 18 दिनों में धीरे-धीरे शव के टुकड़े जंगल में फेंक दिए.