10 हजार से ज्यादा किसानों-मजदूरों ने 2023 में की खुदकुशी, NCRB के आंकड़ों में चौंकाने वाले खुलासे

एनसीआरबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023 के दौरान 4,690 किसानों और 6,096 खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की थी. देशभर में आत्महत्या करने वाले लोगों में से 6.3 प्रतिशत लोग खेती से जुड़े थे.

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सांकेतिक तस्वीर

साल 2023 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,700 लोगों ने आत्महत्या की थी. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें सबसे अधिक 38.5 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र से जबकि 22.5 प्रतिशत कर्नाटक से सामने आए थे. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में कुल एक लाख 71 हजार 418 लोगों ने खुदकुशी की थी. इनमें से 66.2 प्रतिशत (1,13,416) की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम थी.

किसानों से ज्यादा मजदूरों ने दी जान

एनसीआरबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023 के दौरान कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,786 लोगों ने अपनी जान दी थी. इनमें 4,690 किसान और 6,096 खेतिहर मजदूर थे. देशभर में आत्महत्या करने वाले लोगों में से 6.3 प्रतिशत लोग खेती से जुड़े थे. रिपोर्ट बताती है कि 2023 के दौरान आत्महत्या करने वाले 4,690 किसानों में 4,553 पुरुष और 137 महिलाएं थीं. ऐसा कदम उठाने वाले 6,096 कृषि मजदूरों में 5,433 पुरुष और 663 महिलाएं थीं. 

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा खुदकुशी

रिपोर्ट में बताया गया है कि कृषि क्षेत्र में आत्महत्या के सबसे अधिक 38.5 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र से सामने आए थे. कर्नाटक से 22.5 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश से 8.6 प्रतिशत, मध्य प्रदेश से 7.2 प्रतिशत और तमिलनाडु से 5.9 प्रतिशत मामले सामने आए. पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, चंडीगढ़, दिल्ली और लक्षद्वीप में किसानों या खेतिहर मजदूर की आत्महत्या का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. 

अपहरण-बंधक के 1.16 लाख मामले

एनसीआरबी की रिपोर्ट में 2023 के दौरान देशभर में अपहरण, बच्चों के खिलाफ अपराध और किशोरों द्वारा किए गए अपराधों के भी आंकड़े दिए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में देश भर में अपहरण और बंधक बनाए जाने के 1.16 लाख मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से लगभग 18 हजार मामले घर से भागे हुए लड़कों के थे. इनमें 9,000 बच्चे और 8,800 वयस्क शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में अपहरण और बंधक बनाए जाने के कुल 1,13,564 मामले दर्ज हुए थे, जो 2022 की तुलना में 5.6 प्रतिशत अधिक थे. 2022 में 1,07,588 मामले दर्ज हुए थे. ऐसे मामलों में दिल्ली सबसे ऊपर रही, जहां 5,715 मामले सामने आए. हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे मामलों में चार्जशीट दाखिल करने की दर मात्र 6.6 प्रतिशत रही. 

अपहरण-बंधक की प्रमुख वजह शादी

रिपोर्ट में बताया गया कि शादी के लिए अपहरण या बंधक बनाया जाना इन अपराधों का एक प्रमुख कारण रहा. इस कारण 16,866 बच्चों और 15,790 वयस्कों को अगवा किया गया. 2023 में देश में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,77,335 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक हैं. आंकड़ों से पता चला है कि 2023 में अपराध दर प्रति एक लाख बच्चों की आबादी पर 39.9 थी, जबकि 2022 में यह 36.6 थी. साल 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,62,449 मामले दर्ज किए गए जबकि 2021 में यह संख्या 1,49,404 थी.

जूवेनाइल क्राइम बढ़कर 7.1% हुआ

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश में किशोरों के खिलाफ कुल 31,365 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 की तुलना में 2.7 प्रतिशत अधिक थे. आंकड़ों के अनुसार देश भर में किशोरों की अपराध दर 2022 में 6.9 से बढ़कर 2023 में 7.1 हो गई. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2023 में 31,365 मामलों में कुल 40,036 किशोरों को पकड़ा गया. इनमें से 34,674 किशोरों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और 5,362 को विशेष एवं स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत पकड़ा गया. 

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