गुरुग्राम के भोंडसी में एक निजी स्कूल में सात साल के बच्चे की हत्या के आरोपी युवक के खिलाफ सत्र अदालत ने मंगलवार को आरोप तय किए. "राजकुमार" को 2017 में स्कूल के वॉशरूम के अंदर एक अन्य स्कूल के लड़के ने कथित तौर पर मार डाला था. घटना के समय आरोपी 16 साल का था और तब से ही हिरासत में है. कोर्ट ने मीडिया को नाबालिग आरोपी और पीड़िता के नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया था. किशोर अभियुक्त का नाम अदालत द्वारा "भोलू" रखा गया था, पीड़ित का नाम "राजकुमार" रखा गया था और स्कूल को "विद्यालय" कहा गया था.
पिछले साल अक्टूबर में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने आदेश दिया था कि आरोपी को बालिग माना जाएगा. पीड़ित के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तरुण सिंगल की अदालत ने भोलू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत हत्या का आरोप तय किया.
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सुशील टेकरीवाल कहा कि मामले की सुनवाई 20 फरवरी से शुरू होगी और अदालत ने सीबीआई से अपने गवाह पेश करने को कहा है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील समेत दोनों पक्ष मौजूद रहे.
पीड़ित के पिता ने कहा "हम पिछले पांच साल से न्याय के लिए लड़ रहे हैं. पांच साल बाद मामले की सुनवाई शुरू होगी. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जा सकती है. काफी समय हो गया है लेकिन आशा है कि मेरे बेटे को न्याय मिलेगा.”
मामले की पहली सुनवाई जज तरुण सिंगल की कोर्ट में पिछले साल 31 अक्टूबर को हुई थी और भोलू को बालिग माना गया था. 8 सितंबर, 2017 को लड़के की हत्या के बाद, एक बस चालक हत्या का मुख्य संदिग्ध था और उसे जेल भेज दिया गया था. लेकिन जब सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला, तो उसी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र "भोलू" को कथित रूप से आरोपी पाया गया और उसे हिरासत में ले लिया गया.