महीनों की रेकी और 3 दिन कार्रवाई...  राजस्‍थान में अवैध हथियार फैक्‍ट्री का भंडाफोड़, 5 गिरफ्तार

पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि डीग की पहाड़ियों के बीच कुछ स्थानों पर अवैध हथियारों का निर्माण किया जा रहा है. महीनों की रेकी और निगरानी के बाद पुलिस ने चार गांवों में छापेमारी की.

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पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली :

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजधानी और एनसीआर क्षेत्र में हथियार सप्लाई करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. तीन दिन तक लगातार चली कार्रवाई में एंटी गैंग्स स्क्वाड (AGS) ने राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग इलाके से अवैध हथियारों की फैक्ट्री चलाने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी देशी हथियार बनाकर कुख्यात गैंगस्टर्स और बदमाशों को सप्लाई करते थे, जिनमें दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय विकास लगरपुरिया गैंग का नाम भी सामने आया है.

पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि डीग की पहाड़ियों के बीच कुछ स्थानों पर अवैध हथियारों का निर्माण किया जा रहा है.

चार गांवों पर एक साथ की छापेमारी

इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने महीनों की रेकी और निगरानी के बाद एक साथ चार गांवों में छापेमारी की. पुलिस टीम पर फायरिंग की भी कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने साहस और सूझबूझ के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया. 

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आरोपियों से ये हथियार बरामद

  • 10 देशी कट्टे
  • 12 बोर की एक लंबी राइफल
  • 12 कारतूस और 5 इस्तेमाल किए हुए कारतूस
  • हथियार बनाने के औजार और स्प्रिंग कॉइल
  • एक मोटरसाइकिल


मुख्य आरोपी और उनकी भूमिका

  1. मुबीन (62 वर्ष): गिरोह का वरिष्ठ सदस्य, जिसने 2013 में हथियार बनाना सीखा. वह 3-4 दिन में एक देशी कट्टा तैयार करता था और उसे 10-12 हजार रुपये में बेचता था.
  2. शेर मोहम्मद उर्फ शेरू (42 वर्ष): किराना दुकानदार, हथियार बनाने का कार्य करता था. 
  3. जुबेर (28 वर्ष): मुख्य सप्लायर, जो हर हथियार की डिलीवरी पर 2000-3000 रुपये तक कमाता था. उसके पास से विकास लगरपुरिया गैंग को हथियार सप्लाई करने के सुराग मिले हैं.
  4. हरविंदर सिंह (46 वर्ष): पहले ग्राहक के रूप में जुड़ा और बाद में हथियारों का सप्लायर बन गया.
  5. सोनू सिंह (23 वर्ष): हरविंदर के साथ मिलकर हथियारों की सप्लाई में शामिल था.

इस तरह से मिले थे पुलिस को सुराग

इस मामले में पहले से गिरफ्तार विकास लगरपुरिया गैंग के सदस्य रोहित गहलोत से पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया था. आरोपियों के दिल्ली-एनसीआर के अन्य गैंग्स से संबंधों की भी जांच की जा रही है. 

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क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि अवैध हथियारों की सप्लाई दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अपराध को बढ़ावा देती है. 

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