केरल के हत्यारे ने दंपति को समझाया, पहली बलि काम नहीं आई.. : शीर्ष पुलिस अधिकारी

कोच्चि के पुलिस आयुक्त सीएच नागराजू ने एनडीटीवी से कहा कि नर मांस भक्षण के आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं

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पुलिस ने कहा कि हत्यारों ने शवों को पड़ोस में ही दफना दिया था.

नई दिल्ली:

केरल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि राज्य में मानव बलि के मामले में आरोपियों ने पहले दोनों महिलाओं की हत्या की और फिर शवों को क्षत-विक्षत कर दिया. देश को स्तब्ध कर देने वाली इस जघन्य वारदात के मुख्य आरोपी ने दंपति को दो बार की कोशिश के बाद इस नर बलि के लिए मना लिया. उसने उनसे यह कहा कि वह यह पहली बार नहीं कर रहा है. कोच्चि के पुलिस आयुक्त सीएच नागराजू ने कहा, "जहां तक इन आरोपियों के व्यवहार की बात है, तो हम समझ गए हैं कि उनका यह तरीका था कि पहले हत्या, फिर शव को टुकड़े-टुकड़े कर देना और फिर उन्हें दफना देना."

उन्होंने कहा कि, "(मुख्य आरोपी मोहम्मद) शफी ने अन्य दो आरोपियों (भगवल सिंह और उनकी पत्नी लैला) को आश्वस्त किया कि पहली बलि दान से उनकी आर्थिक स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ ... पहली बलि में कुछ 'अनुष्ठान संबंधी समस्याएं' थीं, इसलिए उन्हें एक और बलि देनी होगी." 

हत्यारों के व्यवहार को "बहुत अधिक ही असामान्य" बताते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि दो पीड़ितों के शवों पर दिखाई दिए घाव उस 75 वर्षीय महिला के समान हैं, जिनका दो साल पहले शफी ने यौन उत्पीड़न किया था. पुलिस प्रमुख ने कहा कि मानव मांस भक्षण के आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. नागराजू ने कहा, "जहां तक सबूत का सवाल है, यह मानव बलि का मामला है और नरभक्षण है या नहीं, यह अभी तक साबित नहीं हुआ है." 

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पुलिस विभाग के अन्य सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि आरोपी ने मानव मांस भक्षण के आरोपों को कबूल कर लिया है. शफी ने अन्य दोनों आरोपियों को आश्वस्त किया था कि इससे "उनकी ताकत बढ़ेगी."

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पुलिस आयुक्त सीएच नागराजू ने इसे "एक बहुत ही भयानक घटना" बताते हुए कहा कि पुलिस के पास हत्या, अपहरण, धोखाधड़ी और सबूतों को नष्ट करने के आरोपों का "पुख्ता मामला" बनाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. उन्होंने कहा, "हम इसके लिए और वैज्ञानिक सबूत जुटा रहे हैं, हम डीएनए टेस्ट करेंगे."

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नागराजू ने कहा, "बड़े पैमाने पर यह एक आरोपी का मामला है, जो अन्य दो आरोपियों में यह भ्रम पैदा करने में सफल हुआ कि एक अनुष्ठान के रूप में मानव बलि उनके आर्थिक 'उन्नयन' के लिए अच्छा है, और इस तरह अन्य दो आरोपी उसके इस जाल में फंस गए."
उन्होंने कहा कि यह घटना "केरल जैसी जगह में बहुत ही असामान्य और विचलित करने वाली है." पुलिस अधिकारी ने कहा, "यह यहां कोई प्रचलित प्रथा नहीं है. यहां लोग बहुत शिक्षित हैं."

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