प्रवर्तन निदेशालय की कोलकाता जोनल ऑफिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के मास्टरमाइंड सैयद जियाजुर रहमान को गिरफ्तार कर लिया है. वह एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड ( LFS Broking Pvt. Ltd.) का डायरेक्टर है और निवेश के नाम पर करीब 1500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी है. ईडी ने रहमान को कोर्ट के प्रोडक्शन वारंट के आधार पर कोलकाता के सिटी सेशंस कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 जुलाई 2025 तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया है.
कैसे हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा
सैयद जियाजुर रहमान और उसके साथियों ने अपनी कंपनी एलएफएस ब्रोकिंग प्रा. लि. के जरिए लोगों को 2-3% मासिक रिटर्न का लालच देकर भारी निवेश करवाया. यह कंपनी SEBI में रजिस्टर्ड है, लेकिन धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों ने इसी नाम से मिलते-जुलते कई और फर्जी फर्में खड़ी कर दीं जैसे कि LFS Broking, PMS Services आदि.
निवेशकों को भ्रमित कर असली कंपनी की आड़ में फर्जी कंपनियों में पैसा लगवाया गया और बाद में करोड़ों रुपये इधर-उधर कर दिए गए. इस मामले में 22 मई 2025 को ईडी ने आरोपियों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान कई बैंक खातों को फ्रीज़ किया गया, करोड़ों की चल-अचल संपत्तियों का पता चला और दो अन्य आरोपियों मो. अनारुल इस्लाम और दिलीप कुमार मैती को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
अब तक की जांच में सामने आया
कुल ठगी की रकम करीब ₹1500 करोड़
आम लोगों से फर्जी निवेश योजनाओं के जरिए पैसा वसूला
SEBI की रजिस्टर्ड कंपनी की आड़ में कई नकली कंपनियों का संचालन
ईडी को कई अहम डिजिटल और फाइनेंशियल सबूत मिले हैं. फिलहाल ईडी की जांच जारी है और माना जा रहा है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.