मुंबई सहित महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में ड्रग्स की फैक्ट्रियां पकड़े जाने का सिलसिला जारी है. पुणे, नाशिक और सोलापुर के बाद अब पालघर में भी ड्रग्स की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. पालघर में ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री एक फार्म हाउस में चल रही थी. एमबीवीवी पुलिस ने वहां से 38 करोड़ की ड्रग्स के साथ सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पिछले 15 दिनों में मुंबई पुलिस, एनसीबी, डीआरआई और मीरा भायंदर पुलिस 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की ड्रग्स बरामद कर चुकी है.
महाराष्ट्र में इंडस्ट्रियल एरिया के बाद अब फॉर्म हाउस में ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री का खुलासा हुआ है. मीरा-भयंदर-वसई-विरार पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पालघर जिले के मोखाडा में एक फार्म हाउस से 38 किलो ड्रग्स बरामद की है.
पुलिस के मुताबिक क्राइम ब्रांच यूनिट एक को भयंदर पूर्व की बिन्यासा रेसीडेंसी लॉज में चार लोगों के छिपे होने की टिप मिली थी. पुलिस ने जब वहां छापा मारा तो उनके पास से एक देशी कट्टे के साथ 251 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद हुई. गिरफ्तार आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो उसके तार पालघर के फार्म हाउस से जुड़े मिले.
मुंबई सहित महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर ड्रग पकड़ी गई है. मुंबई की साकीनाका पुलिस ने नासिक से 300 करोड़ रुपये की, एनसीबी ने पुणे के जंगल में दो फैक्ट्री से तकरीब 50 करोड़ की, मुंबई क्राइम ब्रांच ने सोलापुर की फैक्ट्री से 100 करोड़ की, डीआरआई ने संभाजी नगर से 250 करोड़ की और अब एमबीवीवी पुलिस ने पालघर के फॉर्म हाउस से 38 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की है.
सवाल है कि अचानक ऐसा क्या हुआ है कि राज्य में ड्रग्स की इतनी फैक्ट्रियां पकड़ी जाने लगी हैं? जानकारों के मुताबिक एक तरफ ड्रग्स की डिमांड बढ़ी है तो उसकी सप्लाई भी बढ़ी है. चूंकि एमडी ड्रग्स बनाने के लिए जरूरी कच्चा माल और केमिकल आसानी से मिल जाता है इसलिए ड्रग्स माफिया बड़े पैमाने पर ड्रग्स बनाने लगा है. दूसरी तरफ केंद्र और राज्य सरकार की ड्रग्स के खिलाफ सख्ती भी बढ़ी है.
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