दिल्ली पुलिस ने सफदरजंग एनक्लेव केे बलजीत लॉज में कारोबारी की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में पानीपत की रहने वाली 29 साल की महिला उषा उर्फ अंजलि उर्फ निक्की को नोएडा से गिरफ्तार किया है. उषा अपनी साथी महिला मधुमिता के साथ इस गिरोह को चला रही थी. पुलिस के मुताबिक दोनों हनी ट्रेप में फंसाकर लोगों से दोस्ती करतीं और फिर होटल में ले जाकर पीड़ित को शराब में नशीला पदार्थ पिला देते. जब पीड़ित बेहोश जाता तो ये कैश और गहने लेकर फरार हो जातीं थीं.
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव के मुताबिक, सफदरजंग एनक्लेव इलाके की बलजीत लॉज में मयूर विहार के रहने वाले 53 साल के दीपक सेठी का शव 31 मार्च को मिला था. कारोबारी दीपक सेठी यहां पर एक अंजलि नाम की महिला के साथ 30 मार्च को रात 9ः30 बजे आए थे. महिला रात 12ः24 बजे चली गई थी और दीपक के 1100 रुपये और ज्वैलरी ले गई. सफदरजंग एनक्लेव में हत्या का मामला दर्ज किया गया.
सफदरजंग एनक्लेव थाने में तैनात इंक्पेक्टर सतीश लोहिया और एसआई दीपक तंवर को पता लगा कि अंजलि नाम की महिला ने लॉज में फर्जी आधार कार्ड जमा कराया है. अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने जांच के लिए शाखा में तैनात एसीपी नरेश सोलंकी की देखरेख में इंस्पेक्टर विजयपाल दहिया, एसआई राजेश बैसोया और एएसआई विजूमोन की टीम को लगाया. इस टीम को पता लगा कि आरोपी महिला लॉज से वापस वैगनआर कार से गई है. इंस्पेक्टर विजय पाल दहिया की टीम ने दीपक के मोबाइल पर किए गए करीब 500 कॉल्स की डिटेल खंगाली.
जांच में पता चला कि एक नंबर फर्जी आईडी से 20 मार्च को शुरू किया गया है. ये मोबाइल दिल्ली के संतगढ़ से 23 मार्च को नाइजीरियन नागरिक चिडे ने रिचार्ज करवाया था. इससे आरोपी महिला उषा की सहेली मधुमिता का नंबर मिल गया. इसके बाद पुलिस टीम ने पानीपत निवासी उषा उर्फ निक्की को नोएडा से गुरुवार शाम को गिरफ्तार कर लिया. उसके कब्जे से पीड़ित का बैग, अंगूठी, फर्जी आधार कार्ड और वारदात में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन बरामद हुआ.
पुलिस को जांच में पता लगा कि उषा 2022 में चोरी के मामले में जेल गई थी. जेल में उसकी मुलाकात मधुमिता से हुई. जेल से बाहर आने पर दोनों दिल्ली के संतगढ़ में रहने लगीं. दीपक की मधुमिता से सोशल मीडिया पर बात हुई थी. दोस्ती होने पर दोनों ने नंबर शेयर कर लिए. मधुमिता ने उषा को दीपक के साथ लूटपाट करने के लिए बोला था. आरोपी उषा ने बताया कि उसकी मंशा दीपक को मारने की नहीं थी, उसे मधुमिता ने बताया था कि दीपक के पास हमेशा 40 से 60 हजार होते हैं. उसे लगा कि दीपक के पास 60 हजार से एक लाख रुपये मिल जाएंगे, मगर उसे दीपक के पास 1100 रुपये ही मिले थे. उसे मधुमिता लॉज के नीचे ओला कैब लेकर आई थी. इसके बाद वह मधुमिता के साथ फरार हो गई.
उषा ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसे दीपक सेठी बातचीत में अच्छे इंसान लगे. इस कारण वह दीपक के साथ लूटपाट नहीं करना चाहती थी, मगर मजबूरी में उसने ऐसा किया. इस कारण वह बैग पर लिखकर गई थी कि ‘आप एक नाइस पर्सन हैं, सॉरी सॉरी सॉरी, मेरी बहुत ज्यादा मजबूरी थी इसलिए आप के साथ ऐसा किया है एक्सट्रीमली सॉरी‘ उसकी मंशा दीपक को मारने की नहीं बल्कि नशीला पदार्थ पिलाकर सिर्फ लूटपाट करने की थी.
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