दिल्ली पुलिस ने द्वारका मर्डर केस में 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार, करीबी ने रची थी साजिश

पुलिस को इस घटना से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज मिली, जिसमें हमलावर बाइक पर सवार नजर आए. इतना ही नहीं, जब आसपास के अन्य सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, तो उसमें यह पता चला कि हमलावरों ने पुलिस से बचने के लिए अपने कपड़े भी बदले.

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दिल्ली के द्वारका में बिंदापुर इलाके में मनीष अरोड़ा नामक व्यापारी की हत्या के मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि ये हत्या लूट के मकसद से की गई थी, लेकिन लुटेरों ने पहले ही गोली चला दी और इसी वजह से लूटपाट नहीं कर पाए. इस पूरे मामले में साजिश अंदरूनी व्यक्ति द्वारा रची गई थी. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के नाम अजीत, सत्यम और फैजान है. अजीत का भाई सुजीत मनीष अरोड़ा के साड़ी के शोरूम में नौकरी करता था. उसे पता था कि मनीष अरोड़ा रात के समय काफी रकम लेकर घर लौटता है. पुलिस का कहना है कि अजीत के भाई से पूछताछ की जा रही है.

द्वारका जिला के डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया कि 9-10 अक्टूबर की रात लगभग 12:10 बजे पुलिस को सूचना मिली कि एक शख्स को मृत अवस्था में दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल लाया गया है. पुलिस अस्पताल पहुंची तो ज्ञात हुआ कि मृतक का नाम मनीष अरोड़ा था, जो एक व्यापारी थे. वह बिंदापुर इलाके में रहते थे. उनका साड़ी का शोरूम था. वह देर रात अपने भाई के साथ स्कूटी पर सवार होकर शोरूम से घर लौट रहे थे. 

जब वह गली के बाहर पहुंचे, तो उनकी स्कूटी के सामने से एक बाइक आई, जिस पर दो युवक सवार थे. बाइक की पिछली सीट पर सवार युवक ने मनीष पर गोली चला दी. जिसके बाद दोनों हमलावर वहां से फरार हो गए. पुलिस का कहना है कि जिस समय यह वारदात हुई, उस समय मनीष अरोड़ा और उनके भाई लगभग 8 से 9 लाख रुपये कैश लेकर चल रहे थे, लेकिन नगदी नहीं लूटी गई.

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पुलिस को इस घटना से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज मिली, जिसमें हमलावर बाइक पर सवार नजर आए. इतना ही नहीं, जब आसपास के अन्य सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, तो उसमें यह पता चला कि हमलावरों ने पुलिस से बचने के लिए अपने कपड़े भी बदले. इसके अलावा एक युवक भी उनसे रास्ते में मिला. पुलिस को जांच के दौरान यह पता चला कि जो युवक हमलावरों से रास्ते में मिला था, वह भी बिंदापुर गांव में ही रहता है और उसका नाम अजीत है.

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पुलिस ने अजीत को पकड़ा और फिर उससे पूछताछ शुरू की. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसी ने इस पूरी वारदात की साजिश रची थी. दोनों हमलावर सत्यम और फैजान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले हैं. ये दोनों पहले लोनी इलाके में रहते थे. अजीत भी लोनी में ही रहता था. अजीत का छोटा भाई पहले मनीष अरोड़ा की साड़ी के शोरूम में नौकरी करता था. अजीत को ये पता था कि मनीष रोज रात को अच्छी खासी रकम लेकर घर लौटता है. यही वजह है कि उसने लूट की साजिश रची और सत्यम और फैजान को भी अपने साथ में मिलाया. पुलिस ने मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात सत्यम और फैजान को भी गिरफ्तार कर लिया.

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पुलिस का कहना है कि जांच में पता चला है कि फैजान मोटरसाइकिल के पीछे वाली सीट पर बैठा था और उसी ने गोली चलाई थी. सुजीत और शोरूम में काम करने वाले कुछ अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. जिससे साफ हो पाए कि इस पूरी साजिश में और कितने लोग शामिल थे. जिस बाइक पर हमलावर सवार थे, वह मार्च महीने में लोनी इलाके से छीनी गयी थी.

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