यह किसी क्राइम थ्रिलर मूवी की कहानी नहीं है. यह एक ऐसी खौफनाक वारदात की स्टोरी है जिसमें न सिर्फ एक डॉक्टर की हत्या हो गयी बल्कि एक लगभग 25 साल पुराने भरोसे का भी कत्ल इस घटना के साथ हो गया. देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को लूटपाट के बाद डॉक्टर की हत्या की एक सनसनीखेज घटना सामने आयी थी. घटना को लेकर डीसीपी साउथ ईस्ट (DCP South East) राजेश देव ने बताया था कि जंगपुरा एक्सटेंशन (Jangpura Extension) इलाके में हुई इस घटना में अपराधियों ने घर से लगभग 3-4 लाख रुपये लूट लिए थे और साथ ही भारी मात्रा में ज्वेलरी भी अपराधी अपने साथ लेकर गए थे. वारदात से पहले आरोपियों ने घर की रेकी की और 10 तारीख को वारदात को अंजाम दिया था.
पुलिस ने कैसे सुलझायी गुत्थी?
घटना के बाद पुलिस एक्टिव हो गयी और सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद 6 लोगों की पहचान की गयी. पुलिस ने शक के आधार पर घर में काम करने वाली मेड बसंती से पूछताछ शुरु किया. पूछताछ के बाद पुलिस ने बसंती को गिरफ्तार कर लिया. इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस को सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस ने यूपी पुलिस और नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट किया. पुलिस ने दावा किया है कि बसंती ने ही मुखबिरी कर अपने साथियों को वारदात के लिए बुलाया था. हत्या में बसंती की एक सहेली और उसके 5 दोस्त शामिल थे. सभी आरोपी नेपाल के रहने वाले हैं.
हत्याकांड में बसंती की अहम भूमिका
बसंती डॉक्टर दंपत्ति के साथ पिछले 24 साल से जुड़ी हुई थी. हर सुख-दुख में बसंती परिवार की एक सदस्य की तरह रही. वह डॉक्टर योगेश चंद्र पॉल के घर में 2000 के दशक में काम करने के लिए आयी थी. डॉक्टर पॉल के पड़ोसी जो उसी बिल्डिंग में ही रहते थे उनके घर पर वो पहले से काम करती थी इस कारण उन्होंने उसका बैकग्राउंड वेरिफिकेशन करवाने की जरूरत नहीं समझी.
अपराधियों ने कैसे दिया वारदात को अंजाम
घटना के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि डॉक्टर योगेश चंद्र पॉल (63) को जंगपुरा एक्सटेंशन स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे और उनके हाथ बंधे हुए थे. पुलिस ने पॉल के घर के पास एक सीसीटीवी कैमरे से फुटेज हासिल की जिसमें चार संदिग्ध नजर आए थे. एक संदिग्ध बाहर खड़ा था, जबकि अन्य तीन घर में घुसे. आरोपियों ने पॉल की पिटाई की, उनका मुंह बंद कर दिया और उन्हें कुर्सी से बांध दिया था.
शातिर अपराधी की तरह बसंती ने घटना को दिया अंजाम
बसंती की समस्याओं को देखकर जिस तरह डॉक्टर दंपत्ति लंबे समय तक उसके अंदर छिपे हुए अपराधी को नहीं पहचान पाए. उसी शातिरपन से वो दिल्ली पुलिस को भी चकमा देने की तैयारी में थी. उसने पुलिस के सामने खुद को टेक्नॉलजी के मामले में बिल्कुल कमजोर बताया. हालांकि जांच में पता चला कि वो फेसबुक और मेसेंजर जैसे ऐप को चलाती रही थी. साथ ही उसने डॉक्टर के घर को दिखाने के लिए वीडियो कॉल भी किया था.
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