फर्जी ऐप्स, निवेशक और स्टॉक... घोटालेबाजों ने नोएडा के एक शख्स से की ₹9 करोड़ की ठगी

अधिकारियों ने कहा, "एक बार जब घोटालेबाजों को विश्वास हो जाता है कि उन्होंने जितना संभव हो उतना पैसा निकाल लिया है, तो वे सभी कम्यूनिकेशन बंद कर देते हैं और गायब हो जाते हैं."

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय ने करोड़ों के घोटाले के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मंगलवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने उन्हें छह दिनों के लिए हिरासत में भेज दिय है. अधिकारियों ने कहा कि धोखाधड़ी के पीछे एक बड़ा सिंडिकेट था और उसने पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशों में भी भेजा था.

ये रूसी मैत्रियोश्का डॉल्स जैसा घोटाला था, जहां एक झूठ के पीछे दूसरा झूठ छिपा होता था. ये धोखाधड़ी नकली निवेशकों के साथ शुरू हुई, फिर नकली ऐप्स तक फैल गई, जहां लोगों से हाई रिटर्न के लिए नकली शेयरों में निवेश करने का अनुरोध किया गया, लेकिन बाद में पता चला कि उनसे उनकी जीवन भर की बचत छीन ली गई है.

नोएडा के एक व्यवसायी से ₹​​9 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की गई. वहीं फ़रीदाबाद की एक महिला से ₹​​7 करोड़ और पंजाब के भटिंडा के एक डॉक्टर से ₹​​6 करोड़ की ठगी की गई, और ये केवल कुछ पीड़ित थे. 

घोटालेबाज फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया ऐप्स पर विज्ञापन पोस्ट करते थे और बेतुके हाइ रिटर्न का वादा कर लोगों को लुभाने की कोशिश करते थे.

ऐसा ही कुछ फरीदाबाद की एक महिला के साथ हुआ. जिसने फेसबुक पर शेयर बाजार में निवेश पर बड़े रिटर्न का वादा करने वाला एक विज्ञापन देखा. लिंक पर क्लिक करने के बाद उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां वो अन्य निवेशकों द्वारा पोस्ट की गई कामयाबी की कहानियां देखती रही, जो वास्तव में साइबर धोखाधड़ी गिरोह के सदस्य थे. समूह आधिकारिक लगे इसके लिए उसके नाम में एक प्रमुख बैंक का नाम भी जोड़ा हुआ था.

इस सब से प्रभावित होकर महिला दूसरे ग्रुप में शामिल होने के लिए सहमत हो गई. फिर एडमिन ने उसे "आईसी ऑर्गन मैक्स" नाम का एक ऐप इंस्टॉल करने को कहा, जिसके माध्यम से उसने ₹61 लाख रुपये का निवेश किया. फिर उसे "Techstars.shop" नाम का एक और ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा गया. ऐप्स में पीड़ितों के लिए अपना पैसा लगाने के लिए पॉपुलर स्टॉक, वायदा, विकल्प और अन्य निवेश साधनों के नाम थे.

एक अधिकारी ने कहा, "आगे विश्वास बनाने के लिए, पीड़िता को शुरू में अच्छा रिटर्न दिखाया गया, लेकिन वास्तव में वे इन फर्जी ऐप्स पर दिखाए गए सिर्फ नंबर थे. इसके बाद महिला ने और पैसे लगाए. बाद में उसे एहसास होने लगा कि वो अपना पैसा निकाल नहीं पा रही है. जब उसने अपना पैसा निकालने की कोशिश की, तो घोटालेबाज ने उससे स्टैचुअरी टैक्स, ब्रोकरेज टैक्स आदि का भुगतान करने के लिए कहा, जो महिला से और भी अधिक पैसे निकालने का एक तरीका था."

अधिकारी ने कहा, "एक बार जब घोटालेबाजों को विश्वास हो जाता है कि उन्होंने जितना संभव हो उतना पैसा निकाल लिया है, तो वे सभी कम्यूनिकेशन बंद कर देते हैं और गायब हो जाते हैं."

Advertisement
फ़रीदाबाद की महिला को जब तक एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी की जा रही है, तब तक वो ₹7.59 करोड़ खो चुकी थी. गिरोह ने इसी तरीके से नोएडा के एक व्यवसायी से 9.09 करोड़ रुपये और भटिंडा के एक डॉक्टर से 5.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.

अधिकारी ने कहा कि, गिरफ्तारियों के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय ने कई स्थानों पर तलाशी ली और अपराध से हुई 25 करोड़ रुपये से अधिक की आय का पता लगाया. पैसा 'म्यूल' बैंक खातों का उपयोग करके भेजा गया था, जिन्हें चैट ऐप्स का उपयोग करके किराए पर भी लिया गया था. शक ना हो इससे बचने के लिए खातों में ₹5 लाख से कम का लेनदेन भी किया गया और पैसों को विदेशों में भेजने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया.

Featured Video Of The Day
Delhi Liquor Scam से जुड़े Money Laundering Case में Arvind Kejriwal पर मुकदमा चलाने की अनुमति | AAP
Topics mentioned in this article