दिल्ली के RML अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में CBI ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में आरएमएल अस्पताल के दो डॉक्टर, कर्मचारी और मेडिकल इक्यूपमेंट कंपनियों में काम करने वाले लोग शामिल

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है.
मुंबई:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी दिल्ली के राममनोहर लोहिया (RML) अस्पताल के हैं. इनमें कुछ डॉक्टर भी शामिल हैं. आरएमएल अस्पताल में बुधवार को सीबीआई ने बड़ी करवाई करते हुए यह गिरफ्तारियां कीं.

सीबीआई ने करप्शन मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें आरएमएल अस्पताल के दो डॉक्टर, जिनमें से एक प्रोफेसर और एक असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, को गिरफ्तार किया है. मेडिकल इक्यूपमेंट्स सप्लाई करने वाली कंपनियों और दवा कंपनियों से पैसे लेने के आरोप पर यह कार्रवाई की गई है.

अस्पताल में एडमिशन कराने के नाम पर, मेडिकल रेस्ट देने का सर्टिफिकेट देने के नाम पर और इलाज कराने के नाम पर पैसे की उगाही का धंधा चल रहा था. अस्पताल में कैश के अलावा रिश्वत का पैसा यूपीआई से भी लिया जा रहा था.

Advertisement

एक महिला की डिलीवरी कराने के लिए उसके पति से 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी और राशि नहीं देने पर डिलीवरी रोकने की धमकी दी गई थी. 

Advertisement

सीबीआई ने डॉक्टरों, मेडिकल इक्यूपमेंट्स से जुड़े डीलरों के 15 ठिकानों पर छापे मारे. आरएमएल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पर्वतागौड़ा को ढाई लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. उसने यूपीआई से रिश्वत रिसीव की थी.

Advertisement

आरएमएल अस्पताल की कैथ लैब के सीनियर टेक्निकल इंचार्ज रजनीश कुमार को गिरफ्तार किया गया है. इनके अलावा कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ अजय राज, नर्स शालू शर्मा, अस्पताल के क्लर्क भुवल जयसवाल और संजय कुमार गुप्ता पर केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा पांच अन्य लोग जो कि चार अलग-अलग इक्यूपमेंट सप्लाई करने वाली कंपनियों में काम करते हैं, को सीबीआई ने करप्शन के मामले में गिरफ्तार किया है. इन सभी को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन और आपराधिक साजिश के मामले में गिरफ्तार किया गया है. 

Advertisement

सीबीआई को जानकारी मिली थी कि राममनोहर लोहिया अस्पताल के कई डॉक्टर और कर्मचारी करप्शन में शामिल हैं. यह अलग अलग मॉड्यूल के जरिए करप्शन करते थे. जैसे कि वे मेडिकल इक्यूपमेंट्स की सप्लाई या डॉक्टरों से उन्हें प्रमोट कराने के एवज में प्राइवेट कंपनियों से मोटी रकम लेते थे. गरीब मरीजों से उनके मरीज का इलाज कराने के नाम पर क्लर्क के जरिए पैसे वसूलते थे.

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक डॉक्टर पर्वतागौड़ा और डॉ अजयराज मेडिकल कंपनियों के प्रतिनिधि नरेश नागपाल, अबरार अहमद, आकर्षण गुलाटी, मोनिका सिन्हा, भरत सिंह दलाल से उनके इक्यूमेंट्स प्रमोट और सप्लाई करने के नाम पर रिश्वत लेते थे.

साथ ही आरएमएल के क्लर्क भुवल जयसवाल और नर्स शालू शर्मा मरीजों के तीमारदारों से इलाज के नाम पर पैसा ऐंठते थे. नौ लोगों की गिरफ्तारी के अलावा कुल 16 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की है. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करके उनकी कस्टडी ली जाएगी.

Featured Video Of The Day
World Emoji Day 2025: क्या Emoji आपकी भावनाएं खत्म कर रहे हैं? | Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article