- बाड़मेर के हरपालिया गांव के गुरुकुल में वार्डन ने बच्चों को गर्म लोहे की छड़ से दागा
- घायल बच्चों में से एक ने गुरुकुल से भागकर परिवार को उत्पीड़न की जानकारी दी
- पुलिस ने आरोपी वार्डन नारायण गिरि को हिरासत में लिया है और जांच शुरू की
बाड़मेर जिले के एक गुरुकुल में बच्चों के कथित उत्पीड़न का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस मामले में आरोप है कि गुरुकुल के वार्डन ने बिस्तर गीला करने पर दो बच्चों को गर्म लोहे की छड़ से दागा. अधिकारियों ने आज ही इस घटना के बारे में जानकारी दी है. अधिकारियों के अनुसार यह घटना 17 अगस्त को सेड़वा क्षेत्र के हरपालिया गांव में हरपालेश्वर महादेव विकास सेवा समिति द्वारा संचालित एक गुरुकुल में हुई. उन्होंने बताया कि 2022 से संचालित इस गुरुकुल में गरीब, खानाबदोश और अनाथ परिवारों के बच्चे रहते हैं.
पुलिस ने क्या कुछ बताया
पुलिस ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब घायल बच्चों में से एक रात में गुरुकुल से भाग गया और अपने परिवार को कथित यातना के बारे में बताया. बच्चों के शरीर पर दागने के घावों और उनके साथ हुए दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद ग्रामीण संस्थान के बाहर इकट्ठा हो गए और सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे. चौहटन के पुलिस उपाधीक्षक जीवन लाल खत्री ने पुष्टि की कि भरतपुर निवासी और गुरुकुल के वार्डन-सह-शिक्षक नारायण गिरि को हिरासत में लिया गया है.
मामले की जांच के लिए समिति गठित
खत्री ने कहा, ‘‘एक वीडियो में बच्चों ने आरोप लगाया है कि उन्हें गर्म छड़ से दागा गया. इसके बाद, हमने नारायण गिरि को हिरासत में ले लिया.'' ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) प्रकाश चंद विश्नोई ने कहा कि विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. विश्नोई ने कहा, ‘‘घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है. हमने गुरुकुल का दौरा किया और बच्चों, उनके अभिभावकों व कर्मचारियों से बातचीत की है, रिपोर्ट जल्द सौंप दी जाएगी.'' प्रारंभिक जांच के अनुसार आरोपी ने 10 और 11 साल के बच्चों द्वारा सोते समय बिस्तर गीला किए जाने पर उन्हें लोहे की गर्म छड़ से दागा.
पिटाई के बाद बच्चों को धमकाया
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बच्चों ने पिटाई किए जाने और चुप रहने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है.'' वीडियो में ग्रामीणों ने वार्डन पर पहले भी उन पर लाठियों से हमला करने का आरोप लगाया है. अधिकारियों ने कहा कि जांच में यह भी देखा जाएगा कि गुरुकुल की उचित निगरानी की जा रही थी या नहीं. इस बीच, अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने लापरवाही का दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई और गुरुकुल को बंद करने की मांग की.