हर कत्ल एक जैसा! दर्जनों गांवों में फैलाया खौफ, आखिर क्या है इस 'सीरियल किलर' की मिस्ट्री

पिछले एक साल में बरेली में 10 महिलाओं की एक ही तरीके से हत्या हुई है. 9 हत्या पिछले साल हुई थी. जबकि एक हत्या पिछले दिनों हुई. पुलिस पूरे मामले पर सीरियल किलिंग का शक जता रही है.

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बरेली:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली में एक महिला की हत्या के बाद कई नए राज खुल रहे हैं. इस हत्याकांड को पिछले साल हुई 9 महिलाओं की हत्या से जोड़ा जा रहा है. इस हत्या का पैटर्न पिछले साल मारी गई महिलाओं से मिलता जुलता है. अब सवाल यह उठ रहे है हैं कि कहीं ये मामला सीरियल किलिंग का तो नहीं हो रहा है. हत्या करने का तरीका एक ही जैसा है. लेकिन पुलिस को शक 3 लोगों पर है. बरेली में 10 महिलाओं के हत्यारे या हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने 3 स्केच जारी किए हैं. अगर किसी के पास कोई भी जानकारी हो तो वो पुलिस को दे सकते हैं जानकारी को गुप्त रखा जाएगा. 

पिछले साल भी हुई थी 9 महिलाओं की हत्या
बरेली के शाही थाना क्षेत्र के एक गांव में 45 साल  की एक महिला अनिता की हत्या के बाद पुलिस एक बार फिर सक्रिय हो गयी है. पिछले साल भी 9 महिलाओं की हत्या हो चुकी है. हत्यारा वारदात को अंजाम देने के लिए सुनसान इलाके को चुनता है.  हत्या गला घोटकर की जाती है. महिला की साड़ी से ही उसका गला घोंट दिया जाता है. जानकारी के अनुसार अनिता पैसा जमा करने के लिए अक्सर बैंक आती जाती थी. हत्या वाले दिन भी वो बैंक के लिए ही निकली थी. लेकिन वो वापस नहीं आयी थी. पुलिस को इस मामले में एक शक और भी है कि कहीं पैसे के लेन देन में हत्या को अंजाम तो नहीं दिया गया है. हालांकि हत्या के तरीके को लेकर पुलिस चौकस हो गयी है. 

पुलिस अधीक्षक मानुष पारीक ने कहा कि इससे पहले भी कुछ घटनाएं हुई है इस क्षेत्र में. जिसमें से कुछ घटनाओं की जांच भी हुई है. इस घटना की जांच हम दोनों ही तरह से कर रहे हैं. हमारी जांच इस बिंदु पर है कि क्या दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. 

बताते चलें कि पिछले साल 5 जून शाही गांव में कलावती, 19 जून को शाही रोड किनारे धनवती, 30 जून को शाही के आनंदपुर में प्रेमवती, 22 जून को खजुरिया गांव में कुसुमा, 23 अगस्त ज्वालापुर में वीरवती, 31 अक्टूबर को लखीमपुर में 60 साल की महिला, 20 नवबंर को खरसैनी गांव में दुलारो देवी. 26 नवंबर को जगदीशपुर गांव में उर्मिला. सभी की हत्या करने का तरीका एक जैसा था. 

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इन हत्याओं के बाद थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया था. इलाके में अतिरिक्त फोर्स लगाए गए थे. करीब 300 जवान महीने भर तक गस्त लगाते रहे थे. कई संदिग्धों से पूछताछ भी हुई थी. लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली थी. हालांकि हत्याएं बंद हो गयी थी. हालांकि एक बार फिर हुई हत्याओं ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं. 

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