ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी WTC Final मुकाबले के तीसरे दिन अगर भारत फॉलोऑन टालते हुए खुद को आगे की लड़ाई लड़ने के लिए काबिल बना सका, तो उसके पीछे बड़ा योगदान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) का रहा, जिन्होंने मुश्किल समय में 89 रन की पारी पारी खेली. रहाणे भले ही शतक से चूक गए, लेकिन यह एक ऐसी पारी रही, जिसे करोड़ों भारतीय लंबे समय तक तो याद रखेंगे ही, साथ ही इस 89 रनों की पारी ने निश्चित तौर पर अजिंक्य के टेस्ट करियर को भी लंबा खींच दिया, जो एक बार को खत्म होता दिख रहा था. WTC Final मुकाबले के लिए करीब 18 महीने बाद टीम इंडिया में लौटे रहाणे के बारे में अब कहा जा सकता है कि अब उनका टेस्ट करियर बिना सौ टेस्ट खेले बमुश्किल ही खत्म होगा.
इस मैच से पहले तक रहाणे 82 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और इस बात को लेकर फैंस और पंडितों के बीच गाहे-बेगाहे चर्चा होती रहती है कि Ajinkya Rahane अपने टेस्ट करियर में सौ टेस्ट खेल पाएंगे भी या नहीं. लेकिन अब इस पारी के बाद यह कहा जा सकता है कि रहाणे ने अपने लिए सौ टेस्ट सुनिश्चित कर लिए हैं. साथ ही, उन्होंने 89 रन की पारी के दौरान ही एक और कारनामा कर दिया
मौरिस ग्रीन के फेंके पारी के 55वें ओवर की आखिरी नो-बॉल पर रहाणे जैसे ही एक्स्ट्रा-कवर ड्राइव से दो रन लेकर 70 के निजी योग पर पहुंचे, इसी के साथ ही रहाणे ने करियर में पांच हजार रन पूरे कर लिए. अजिंक्य ऐसा करने वाले भारतीय क्रिकेट इतिहास में 13वें बल्लेबाज बन गए हैं. इन 13 बल्लेबाजों में कपिल देव की एक ऐसे बल्लेबाज हैं, जिनका औसत रहाणे से कम है. बाकी सभी 11 बल्लेबाज औसत के मामले में रहाणे से ऊपर हैं. उपलब्धि हासिल करने वालों में बाकी भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सुनील गावस्कर, वीवीएस लक्ष्मण, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवगा, विराट कोहली, सौरव गांगुली, चेतेश्वर पुजारा, दिलीप वेंगसरकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन, गुंडप्पा विश्वनाथ हैं.
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