इसमें दो राय नहीं यूपी के उभरते हुए बल्लेबाज रिंकू सिंह (Rinku Singh) टीम इंडिया के अले बड़े स्टार हैं. पिछले दिनों रिंकू सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खत्म हुई सीरीज से अपना कद कहीं ऊंचा कर लिया. रिंकू सिंह ने पांच मैचों की चार पारियों में नाबाद रहते हुए 52.50 के औसत से 105 रन बनाए. और इसका असर यह हुआ कि रिंकू का कुल औसत दस टी10 मैचों में 60.00 का हो गया. वैसे इस प्रदर्शन से पहले ही रिंकू एक बड़ा फैसला लेने से चूक गए और अगर रिंकू यह फैसला लेते, तो निश्चित तौर पर उनके करोड़ों के वारे-न्यारो हो जाते. और करोड़ों फैंस यह जानने को उत्सुक हैं कि आखिर रिंकू यह फैसला क्यों नहीं ले सके.
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चुन सकते थे हार्दिक का रास्ता
दरअसर रिंकू हार्दिक पांड्या की तर्ज पर केकेआर के सामने फ्रेंचाइजी बदलने की इच्छा जाहिर कर सकते थे. या वह किसी दूसरी और फ्रेंचाइजी से भी बात कर सकते थे. वहीं, अगर बात नहीं बनती, तो एक बड़ा फैसला यह भी था कि वह 19 दिसंबर को दुबई में होने जा रही ऑक्शन में खुद को उतार सकते थे, लेकिन रिंकू ने ऐसा नहीं किया. अगर वह ऐसा करते, तो ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि वह नीलामी में कम से कम आठ-नौ करोड़ हासिल नहीं कर पाते.
इतनी कम सैलरी बाते हैं रिंकू सिंह
इसी बाद को लेकर फैंस के बीच चर्चा है. जहां आज की तारीख में रिंकू के प्राइस कम से कम आठ-नौ करोड़ रुपये हो चुके हैं, तो वहीं केकेआर ने उन्हें इस साल रिटेन किया है. और केकेआर रिंकू सिंह को एक साल के लिए 55 लाख रुपये चुकाता है. अब कहां 55 लाख सालना और कहां आठ-नौ करोड़ रुपये. रिंकू पिछले दो सीजन से केकेआर से सालाना 55 लाख रुपये पा रहे हैं, जबकि इससे चार साल पहले तक उन्हें इसी टीम ने लगातार चार साल प्रत्येक वर्ष के लिए 80 लाख रुपये फीस चुकाई. यही वजह है कि फैंस चर्चा कर रहे हैं कि रिंकू ने यह बड़ा फैसला क्यो नहीं लिया. साफ है कि रिंकू के सामने एक बड़ा मौका था, जिससे वह चूक गए हैं.