"हम सालों से इंतजार कर रहे थे..." अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाले पहले ब्लाइंड क्रिकेटर बने अजय रेड्डी ने कही ये बात

Ajay Kumar Reddy on Arjuna Awardअजय कुमार रेड्डी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हम सालों से पहचान के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब देखकर अच्छा लग रहा है कि सरकार हमारे काम को सम्मान दे रही है. यह पहला मौका था जब किसी ब्लाइंड क्रिकेटर को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था.

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Ajay Kumar Reddy: यह पहला मौका था जब किसी ब्लाइंड क्रिकेटर को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया

Ajay Kumar Reddy on Arjuna Award: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को एक समारोह में इस साल के लिए खेल पुरस्कार वितरित किए. इस साल 26 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया, जबकि चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी को 2023 के लिए मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार दिया गया. साल 2023 के लिए जिन खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार मिला उसमें अजय कुमार रेड्डी भी शामिल रहे, जो भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम के कप्तान है. यह पहला मौका रहा जब किसी ब्लाइंड क्रिकेटर को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया है. वहीं एनडीटीवी ने अवॉर्ड मिलने से पहले अजय कुमार रेड्डी से बात की जिनकी अगुवाई में भारतीय टीम ने पांच बार ब्लाइंड विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है.

अजय कुमार रेड्डी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हम सालों से पहचान के लिए इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब देखकर अच्छा लग रहा है कि सरकार हमारे काम को सम्मान दे रही है. यह पहला मौका था जब किसी ब्लाइंड क्रिकेटर को अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था. इस बात पर अजय ने कहा,"सच में खुशी की बात है क्योंकि पहचान के लिए हम सालों से इंतजार कर रहे थे. लेकिन अब लग रहा है कि भारत सरकार हमारे काम पहचान रही है." अजय ने आगे कहा,"इतना जीतने के बाद भी, अगर रेगुलर क्रिकेट का अगर वो हाल ही के दिन में एक विश्व कप जीतते तो उसका लेवल कैसे होता, उसे कैसे ट्रीट किया जाता है, लेकिन हमने पांच विश्व कप जीते उसके बाद भी जिंदगी में बदलाव नहीं हुआ."

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अजय ने अपनी आखों की रोशनी खोने को लेकर कहा,"जब चार साल का था, जो दरवाजे का लॉक होता है, वो आंखों के अंदर घुस गया था. मैं अपने माता-पिता को ढूंढ रहा था, घर में लाइट नहीं थी, चार बजे थे, जब बाहर निकलने के लिए कोशिश कर रहा था, लॉक बाहर थे, वह मेरी आंखों में घुस गया. उसके बाद से विजन चला गया." अजय ने आगे कहा,"2024 में पाकिस्तान में हमारा ब्लाइंड क्रिकेट टी20 विश्व कप होने वाला है, उसके लिए भी मैं तैयारी कर रहा हूं, अपना विजन खोने के बाद भी. लेकिन मैं अपने अप्रूवल के लिए इंतजार रहा हूं." अजय ने आगे कहा कि मैं जिंदगी में कभी स्पोर्ट्स नहीं छोड़ सकता हूं, जब तक ताकत है तब तक खेलता रहूंगा और जब ताकत नहीं रहेगी तो युवाओं को प्रेरित करूंगा.

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वहीं जब उनसे पूछा गया कि अर्जुन अवॉर्ड मिलना कितना बड़ी बात है, इस पर उन्होंने कहा,"जरूर, मैं आपको एक बात बताता हूं. इतना साल जो-जो लोग बोले थे, ब्लाइंड क्रिकेट को पहचान नहीं है, आपको कुछ नहीं मिलता है, देखिए हम किसी चाहत के लिए देश के लिए नहीं खेलते हैं. हम लोगों के इरादे हैं कि भारत को गौरवान्वित करें, उसके बाद ऐसा अवॉर्ड आने के बाद, लोग अभी देखो यार इसको अर्जुन अवॉर्ड मिल गया, देखिए सफल होने के बाद बोलना अलग है, शुरुआत में सपोर्ट करना अलग है, अभी लोग सकारात्मक रूप से बात कर रहे हैं." अजय ने कई खिलाड़ियों के पास जॉब नहीं होने पर कहा,"17 सीनियर खिलाड़ियों में से 3 के पास जॉब नहीं है, जबकि नए खिलाड़ियों में से छह के पास जॉब नहीं है." अजय ने आगे कहा,"हमारी जिंदगी में रोशनी आने वाली है."

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