- भारत ने जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतने के बाद दो आईसीसी खिताब और एशिया कप भी जीता है
- सूर्या यादव ने कहा कि नॉकआउट मैचों में असफलता के डर पर काबू पाना टीम की सफलता में अहम रहा है
- भारत ने आक्रामक क्रिकेट खेलने की रणनीति अपनाकर पिछले डेढ़ साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है
भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने पिछले कुछ साल में टीम इंडिया को मिली सफलता को लेकर अहम बात कही है. सूर्या ने कहा कि नॉकआउट मैचों में असफलता के डर पर काबू पाना पिछले 15 महीनों में राष्ट्रीय टीम की शानदार सफलता में अहम रहा है. जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतने के बाद से भारत ने दो आईसीसी खिताब और एशिया कप जीता है. टीम ने फरवरी में वनडे प्रारूप में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, लेकिन पिछले महीने भारत ने सूर्यकुमार की अगुआई में टी20 प्रारूप में अपना दूसरा एशिया कप खिताब जीता.
'आक्रामक क्रिकेट का फायदा मिल रहा'
सूर्यकुमार ने ‘स्काईस्कैनर' कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘भारत को आक्रामक क्रिकेट खेलने का पूरा फायदा मिल रहा है. मुझे लगता है कि पिछले डेढ़ साल में जब से हमने चैंपियनशिप जीतना शुरू किया तो हमने इस खेल को थोड़ा अलग अंदाज़ में खेलना शुरू कर दिया. नॉकआउट परिस्थितियों में असफलता के डर के बारे में नहीं सोचें, बस मैदान पर उतरें और वही करें, जो हम सबसे अच्छा करते हैं. परिणाम के बारे में सोचने के बजाय अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें.' जून 2024 में बारबाडोस में ट्रॉफी जीतने से पहले भारत ने 10 साल से ज्यादा समय तक कोई आईसीसी प्रतियोगिता नहीं जीती थी. सूर्यकुमार ने कहा कि मानसिक रूप में बदलाव करने से इच्छा के अनुरूप परिणाम मिले।
'इस विश्व कप के बाद सोचना शुरू किया'
सूर्यकुमार ने कहा, ‘हमने टीम के अंदर यही माहौल बनाया है, यही जज्बा है, यही संस्कृति है. साल 2022 से ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप के बाद हमने सोचा कि हमें कुछ अलग करना होगा. हमने सोचा कि अगर हमें चैंपियनशिप जीतनी है तो हमें अलग अंदाज में खेलना होगा.' सूर्यकुमार ने कप्तानी के गुर सिखाने का श्रेय रोहित शर्मा को भी दिया.
रोहित से बहुत कुछ सीखा
उन्होंने कहा,‘उनके साथ भाई जैसा रिश्ता है. मुझे आज भी याद है जब मैंने 2010-2011 में बॉम्बे के लिए अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था, वह घरेलू सर्किट में थे और वहां से आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस में पहुंचे.' उन्होंने कहा, ‘फिर मैं कोलकाता नाइट राइडर्स में चला गया, लेकिन जब मैं 2018 में वापस मुंबई इंडियंस में आया तो वह कप्तान थे. यहीं से मेरा सफर शुरू हुआ. मैंने क्रिकेट के कई गुर सीखे. नेतृत्व के सारे गुण सीखे. वह मैदान पर और मैदान के बाहर सभी को कैसे संभालते थे, यह भी.'