Greg Chappell on Virat Kohli: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ग्रेग चैपल (Greg Chappell on Kohli) ने विराट कोहली के खराब फॉर्म को लेकर बड़ा बयान दिया है जिसने सुर्खिय़ां बटोर ली है, चैपल ने कोहली के खराब फॉर्म को एलीट परफॉरमेंस डिक्लाइन सिंड्रोम (EPDS) का नाम दिया है. पूर्व कंगारू कप्तान ने माना है कि कोहली एलीट परफॉरमेंस डिक्लाइन सिंड्रोम (EPDS) से जूझ रहे हैं. सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में अपने कॉलम में चैपल ने लिखा, "खिलाड़ी के दृष्टिकोण में बदलाव स्पष्ट संकेत है. विराट अपनी दबंग बल्लेबाजी शैली के लिए मशहूर थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से वह अपनी पारी की शुरुआत में धीमी कर रहे हैं जो चौंका रहा है. "
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ग्रेग चैपल ने विराट कोहली को लेकर अपने कॉलम में आगे लिखा है कि, "कोहली, सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग की तरह विफल हो रहे हैं, जो इसी सिंड्रोम से पीड़ित थे और उन्हें अपनी लय को फिर से हासिल करने के लिए 20-30 रनों की जरूरत है."
ऑस्ट्रेलियाई पूर्व कप्तान ने लिखा है, "तेंदुलकर और पोंटिंग के साथ भी ऐसी ही समस्या थी.. उनकी तरह कोहली को भी अपनी लय हासिल करने से पहले 20 या 30 रन की जरूरत है. जब आप 20 या 30 रन बना लेते हैं, तो आप आत्मविश्वास महसूस करने लगते हैं और आपकी लय वापस आ जाती है." चैपल ने माना है कि कोहली में मानसिक बदलाव भी आया है जिसके कारण उनकी बल्लेबाजी पहले जैसी नहीं रही है.
बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज कोहली की कमजोरी का फायदा उठाने के लिए ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी कर रहे हैं और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में अब तक उन्हें रोकने में कामयाब रहे हैं. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में चौथे टेस्ट में कोहली के पास बड़ा स्कोर बनाने का मौका है. पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी है और बल्लेबाजों मेलबर्न की पिच पर रन बना सकते हैं. हालांकि, अगर कोहली बाकी दो मैचों में विफल रहते हैं तो उनके टीम से बाहर होने का खतरा भी मंडराने लगेगा.
एलीट परफॉरमेंस डिक्लाइन सिंड्रोम क्या है ? (What is EPDS)
एलीट परफॉरमेंस डिक्लाइन सिंड्रोम, आखिरी क्या है. बता दें कि एलीट परफॉरमेंस डिक्लाइन सिंड्रोम को एक ऐसी स्थिति से जोड़ा जाता है जब कोई बड़ा खिलाड़ी अपने हिसाब से परफॉर्मेंस नहीं कर पाता है. उसके परफॉर्मेंस में गिरावट आती है. जब कोई खिलाड़ी अपने सर्वोत्तम स्तर पर पहुंचने के बाद अचानक से खराब फॉर्म का शिकार हो जाता है और पहले की तरह परफॉर्मेंस नहीं कर पाते हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. जैसे, शारीरिक या मानसिक थकान, चोटें या प्रेरणा की कमी.
अबतक केवल एक शतक
विराट कोहली ने पर्थ टेस्ट मैच में एक शतक लगाया था लेकिन उसके बाद से किंग कोहली कोई खास परफॉर्मेंस नहीं कर पा रहे हैं. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोहली ने अबतक 3 मैच खेले हैं और 126 रन बनाए हैंजिसमें उनके नाम केवल एक शतक दर्ज है. बता दें कि साल 2020 के बाद से कोहली टेस्ट में सिर्फ तीन शतक लगा पाए हैं. इस दौरान 65 पारियों में 31.67 की औसत से सिर्फ 1964 रन बनाए हैं.