- मुकेश को मिला टेस्ट करियर का पहला विकेट
- दूसरे दिन किर्क मैकेंजी को किया आउट
- टेस्ट कैप मिलने के बाद मां से की थी फोन पर बात
भारत और विंडीज के बीच जारी टेस्ट सीरीज में सेलेक्टरों को युवाओं ने टीम में चुना. इनमें से एक यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने करियर की शुरुआती दो पारियों में ही दुनिया को बता दिया कि विश्व क्रिकेट को एक लंबी रेस का घोड़ा मिल गया है, तो वहीं उनके साथ ही करियर का आगाज करने वाले बंगाल के पेसर मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) ने तीसरे दिन शनिवार को किर्क मैकेंजी को विकेट के पीछे लपकवाकर अपने विकेटों का खाता खोल लिया. मुकेश कुमार ने टेस्ट कैप मिलने के बाद अपनी मां से फोन पर बात की थी. और फैंस यही कह रहे हैं कि उन्हें मां का आशीर्वाद मिल गया है.
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भारत के इतिहास की टेस्ट कैप नंबर-308 बनने के बाद मुकेश कुमार ने इस गौरव के पलों को फोन पर अपनी मां के साथ साझा किया. फोन पर 29 साल के मुकेश ने संघर्ष के सालों में सहयोग करने और मिली सफलता के लिए मां का शुक्रिया अदा किया. BCCI द्वारा साझा की गई यह क्लिप सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है
मां को फोन करने बाद मुकेश ने कहा कि मां ने कहा कि आप हमेशा खुश रहो, लगातार प्रगति करते रहे और मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है. उन्होंने कहा कि वह नहीं जानती हैं कि भारत के लिए खेलने के क्या मायने हैं, लेकिन उनकी एकमात्र इच्छा यह है कि उनका बेटा लगातार प्रगति करती रहे. यह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पल हैं.
खुल गया मुकेश का खाता
दूसरे दिन मुकेश कुमार करीब दस ओवर डालने के बाद भी कोई विकेट नहीं चटका सकते थे, लेकिन शनिवार को उनकी मेहनत रंग लाई. वास्तव में उन्होंने राउंड द विकेट आने की रणनीति खासी देर से अपनायी. और मुकेश जब दूसरे छोर से बॉलिंग के लिए आए, तो गेंद को सही दिशा भी मिली. और अंदर आती गेंद ने आक्रामक और विश्वास से शॉट खेल रहे किर्क मैकेंजी के बल्ले का बाहरी किनारा चूमने में सफलता हासिल कर ली.
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