Vaibhav Suryavanshi: पिता ने क्रिकेट छोड़ा, जमीन बेची, 5 साल की उम्र से सिखाया, अब बेटे ने आईपीएल नीलामी में रचा इतिहास

13 साल 8 महीने के वैभव सूर्यवंशी ने इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने से पहले ही इतिहास रच दिया है. वह आईपीएल के इतिहास में बिकने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन चुके हैं.

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Vaibhav Suryavanshi: पिता ने क्रिकेट छोड़ा, जमीन बेची, 5 साल की उम्र से सिखाया क्रिकेट

13 साल 8 महीने के वैभव सूर्यवंशी ने इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने से पहले ही इतिहास रच दिया है. वह आईपीएल के इतिहास में बिकने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन चुके हैं. आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में अपने बेस प्राइस 30 लाख के साथ उतरे वैभव को राजस्थान रॉयल्स की टीम ने 1 करोड़ 10 लाख रुपये में खरीदा है. पिछले महीने ही वैभव सूर्यवंशी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 यूथ टेस्ट मैच में धमाल मचाते हुए सिर्फ 58 गेंदों में ही शतक ठोककर रिकॉर्ड बना दिया था. सूर्यवंशी यूथ टेस्ट में भारत की तरफ से सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाज भी बन चुके हैं.

पिता के नक्शेकदम पर बेटा

एनडीटीवी से बातचीत के दौरान उसके पिता संजीव सुर्यवंशी ने बताया कि वैभव इस समय अंडर-19 एशिया कप के लिए दुबई में हैं. इस दौरान उन्होंने कठिनाइयों व संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि उसे मैंने बचपन से ही क्रिकेटर बनाने की सोच रखी थी. मैं भी अपने समय में राज्य स्तरीय क्रिकेटर हुआ करता था. उस समय बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं थी. वह खुद बिहार तक ही खेल सके और यहीं सिमटकर रह गये. वैभव के जन्म के बाद किक्रेट छोड़ घर-गृहस्ती चलाने के लिये काम धंधा शुरू किया लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिल सकी. फिर एक अखबार से जुड़कर समस्तीपुर के ताजपुर प्रखंड से खबर भेजने लगा और पत्रकार बन गया. इस बीच वैभव भी बड़ा हुआ और उसके अंदर मैंने खुद को देखा.

रोज तय करते थे 15 किलोमीटर का सफर

वैभव के पिता ने आगे कहा कि 5 वर्ष की उम्र से ही मैंने घर पर उसे क्रिकेट सिखाना शुरू किया. धीरे-धीरे और बड़ा हुआ तो उसे एक कोच की जरूरत समझते हुए समस्तीपुर शहर के ही पटेल मैदान में ब्रजेश झा के ट्रैनिंग कैंप में दाखिला दिलवाया. अपने पैतृक गांव मोतीपुर से हर रोज 15 किलोमीटर दूर समस्तीपुर ले जाकर उसकी प्रैक्टिस करवाता और वापस लेकर घर आता. 8 साल की उम्र में उसने अंडर-16 डिस्ट्रिक्ट ट्रायल में बेहतरीन प्रदर्शन किया.

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इस दौरान जिला स्तरीय और राज्यस्तरीय टीमों में वह इतने कम उम्र में ही शामिल हो गया. इस बीच मेरा भी काम बंद हो गया और वैभव पर खर्च करने के लिए पैसे भी नहीं पूरे हो रहे थे तो गांव की ही कुछ जमीन बेचकर खर्च निकाला. 10 वर्ष के बाद उसे पटना में भी ट्रेनिंग दिलाई. फिर उसने कई सीरीज में भाग लिया. साढ़े 12 साल की उम्र में ही उसने बिहार की तरब से रणजी ट्रॉफी भी खेल ली.

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बिहार के लिए रणजी डेब्यू कर रचा था इतिहास

जनवरी 2024 में बिहार के लिए प्रथम श्रेणी में डेब्यू करने के बाद, सूर्यवंशी ने सितंबर भारत U19 बनाम ऑस्ट्रेलिया U19 यूथ टेस्ट सीरीज के दौरान एक शानदार शतक के साथ सभी का ध्यान आकर्षित किया था. सूर्यवंशी आगामी अंडर-19 एशिया कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीमों के बीच दो मैचों की अनाधिकारिक टेस्ट सीरीज खेली गई थी. इसमें बिहार के लाल ने महज 58 गेंदों में शतक जड़ा था.

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अब वह इंग्लैंड के बल्लेबाज मोईन अली से महज सिर्फ एक स्थान पीछे हैं. उन्होंने 2005 में अंडर-19 में 56 गेंदों में शतक जड़ा था. इसी के साथ वैभव ने अंडर-19 टेस्ट में किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड बना लिया है. वैभव के पिता संजीव सुर्यवंशी ने बताया कि 'वह अब सिर्फ मेरा बेटा नहीं, बल्कि पूरे बिहार का बेटा है.' अपने छोटे बेटे को भी वह क्रिकेटर ही बनाएंगे.

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