"तेज रन बनाने का मतलब यह नहीं कि...", रोहित ने बताई शुरुआती ओवरों में "पावरफुल" अंदाज चुनने की वजह

Rohit Sharma: निश्चित रूप से श्रीलंका में मिली हार रोहित को लंबे समय तक सालेगी. इसी वजह से रोहित ने अहम बात कही है

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नई दिल्ली:

हाल ही में श्रीलंका के हाथों वनडे सीरीज 0-2 से गंवाने के बाद टीम रोहित की आलोचना पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) के  शोर में दब गई. आप सोचिए कि अगर ओलंपिक नहीं होता, तो आलोचना का स्तर क्या होता. वास्तव में यह शर्मनाक हार कई सवाल छोड़ गई है. अब कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma)ने स्पष्ट किया कि उनका कभी भी पावरप्ले में अपना विकेट गंवाने का इरादा नहीं था. उनका लक्ष्य था जितने अधिक से अधिक रन बनाना हो सके. रोहित इस सीरीज में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे. उन्होंने तीन मैचों में 141.44 के स्ट्राइक रेट से दो अर्धशतकों सहित 157 रन बनाए. भारतीय कप्तान लगातार पावर-प्ले में आक्रामक बल्लेबाजी करते रहे. लेकिन उनकी इस आक्रामक पारी के बावजूद भारत सीरीज नहीं जीत सका, क्योंकि बाकी बल्लेबाज श्रीलंकाई स्पिनरों के आगे ढेर हो गए.

"इस वजह से मेरी यह एप्रोच रही"

रोहित ने कहा, "मुझे पता था कि पावरप्ले में जो रन बनेंगे, वे महत्वपूर्ण होंगे. मैं जानता था कि उसके बाद विकेट थोड़ा धीमा हो जाएगा, गेंद थोड़ी टर्न लेगी और फील्ड भी फैल जाएगी. जब केवल दो फील्डर बाहर हों, तो हमें अपने मौके लेने पड़ते हैं.' उन्होंने आगे कहा, "जब भी मुझे लगा कि मैं गेंदबाज पर दबाव डाल सकता हूं, मैंने मौके लिए. आपके द्वारा बनाए गए अतिरिक्त रन बाकी 40 ओवर खेलने के लिए टीम को फायदा पहुंचाते हैं. मेरा व्यक्तिगत प्रयास यही था कि मैं जितने अधिक से अधिक रन बना सकूं."

रोहित ने कहा, "ऐसा नहीं था कि मैं पावरप्ले के बाद अपना विकेट गंवाना चाहता था. मैं मोमेंटम और इंटेंट को जारी रखना चाहता था, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ शॉट खेलने के प्रयास में मैं आउट हो गया. मेरी बल्लेबाजी योजना बहुत ही साफ और सीधी है." भारत को अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से 42 दिनों का ब्रेक मिला है और वह 19 सितंबर को चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ घरेलू सीजन की शुरुआत करेगा.

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भारतीय क्रिकेट कप्तान रोहित शर्मा ने घरेलू क्रिकेट को भारतीय टीम की रीढ़ की हड्डी बताया है. उन्होंने कहा कि देश के लिए खेलने वाले अधिकांश खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट से ही निकले हैं. नया घरेलू सत्र 5 सितंबर से दलीप ट्रॉफी के साथ शुरू होगा, जबकि कुछ टीमें इस महीने तमिलनाडु में होने वाले बुची बाबू इन्विटेशनल टूर्नामेंट के माध्यम से अपनी लाल गेंद की तैयारी शुरू करेंगी.

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"हमारा घरेलू सत्र रीढ़ की हड्डी"

रोहित ने कहा, "हमारा हमेशा से यही लक्ष्य रहा है कि उपलब्ध खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी खेलें. हमारा घरेलू क्रिकेट हमारे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की रीढ़ की हड्डी है. देश का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकांश खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलकर ही आए हैं. इसलिए, हमारा घरेलू क्रिकेट सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है." उन्होंने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि यह इसी तरह बना रहे, प्रतिस्पर्धी बना रहे. हमें अधिकतर खिलाड़ी हमारे घरेलू सर्किट से मिलते हैं, आईपीएल से नहीं. जब आप टेस्ट क्रिकेट और एकदिवसीय क्रिकेट के लिए खिलाड़ी चुनते हैं, तो बहुत सारी चर्चा होती है कि रणजी ट्रॉफी, एकदिवसीय प्रारूप, सैयद मुश्ताक अली आदि में कौन अच्छा प्रदर्शन कर रहा है."

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रोहित ने कहा, "आईपीएल, निश्चित रूप से, एक ऐसा फॉर्मेट है जहां चुनौतियां अलग होती हैं. अलग-अलग टीमें और अलग-अलग खिलाड़ी खेल रहे हैं, और बहुत सारे लोगों के लिए यह दबाव वाली स्थिति है. ईमानदारी से कहूं तो आपको आईपीएल को भी हमारे क्रिकेट के रूप में देखना होगा, तो अंत में, इन सभी टूर्नामेंटों में जो भी अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसे चुना जाएगा."

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