कुछ ऐसे रोहित शर्मा विराट के साथ रिश्तों पर चल रहीं चर्चाओं को दिया विराम, बोले कि...

अब से नहीं, पिछले काफी समय से रोहित और विराट के रिश्तों को लेकर चर्चा जोर-शोर से मीडिया और कई मंचों पर चल रही है, लेकिन रोहित के बयान ने विघ्नसंतोषी लोगों को जरूर निराश किया होगा

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नयी दिल्ली:

वनडे पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) भल ही अपनी कप्तानी में कोई आईसीसी ट्रॉफी न जीत सके हों, लेकिन उनका रिकॉर्ड खासा अच्छा तो रही है,  साथ ही  कोहली ने टीम की संस्कृति में भी खासा बदलाव किया. और अब नए वनडे कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने भी इस बात को स्वीकार किया है. रोहित ने WWW.BCCI.TV को दिए इंटव्यू में कहा कि उन्होंने विराट के नेतृत्व में प्रत्येक क्षण का पूरा लुत्फ उठाया. रोहित ने बताया कि कैसे कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम का समय बहुत ही शानदार रहा था. कोहली ने करीब पांच साल भारतीय टीम का नेतृत्व किया. और हर बार उन्होंने आगे रहकर टीम की अगुवायी की. वह प्रत्येक मैच जीतने के लिए द्रढ़संकल्पित थे और यह पूरी टीम के लिए एक संदेश था. 

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 रोहित बोले कि हमने उनके नेतृत्व में अच्छा समय गुजारा और विराट के नेृतृत्व में मैंने बहुत ज्यादा क्रिकेट खेली है. मैंने इस दौरान हर पल का लुत्फ उठाया और यह अभी भी जारी है. भारतीय टीम के कोई आईसीसी ट्रॉफी न जीत पाने की आलचोना पर उन्होंने कहा कि वह इस चुनौती से भली-भांति से वाकिफ हैं और वह इसे हासिल करने के लिए पूरा प्रयास करेंगे.  ओपनर बोले कि परिणाम हासिल करने से पहले बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिन्होंने हमें दुरुस्त करने की जरूरत है. हमने आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी साल 2013 में जीती थी.  लेकिन मुझे नहीं लगता कि खिताबी जीत के बाद हमने कुछ गलत किा. हम अच्छा खेले और एक ईकाई के रूप में बेहतर प्रदर्शन किया. बस अंतर यही रहा कि हम आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सके. 

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नजर टिकी है विश्व कपों पर

रोहित ने कहा कि ऐसा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हो सकता है. इस स्तर पर बातें आसान नहीं हैं, लेकिन हम सब पेशेवर हैं और यह चुनौती तो सामने है ही. उन्होंने कहा कि कई विश्व कप होने जा रहे हैं और भारत की नजर इनमें बेहतर करने पर टिकी है. हमारा ध्यान जीत पर है, लेकिन यहां एक प्रक्रिया है, जिस पर हमें बतौर टीम ध्यान देने की जरूरत है.  अगर आपको चैंपियनशिप जीतनी है, तो यहां बहुत सी ऐसी बातें हैं, जिन पर पहले ध्यान दिए जाने की जरूरत है. इसके बाद ध्यान अपने लक्ष्य पर देना है. मेरा पूरा ध्यान खुद को पहले बेहतर खिलाड़ी बनाने और फिर टीम को बेहतर बनाने पर है. प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी भूमिका पता है और उसे जागरूर रहने की जरूरत है कि उसे क्यों टीम में चुना गया है. 

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