Axar Patel IND vs SA 1st T20I: अक्षर पटेल टीम इंडिया के कई अहम मैच का वो बैलेंस साबित होते हैं जो कभी, बैटिंग, कभी बॉलिंग और कभी फ़ील्डिंग से भी मैच का रुख़ बदल देते हैं. ये और बात है कि गुजरात के इस बांये हाथ के बैटर और लेफ़्ट ऑर्म स्पिनर की अहमियत कम ही उनके श्रेय के मुताबिक सराही जाती है. कटक टी-20 में भारत के 176 के लक्ष्य का पीछा करते हुए कप्तान एडन मार्कराम और ट्रिस्टन स्टब्स की जोड़ी लक्ष्य की तरफ़ ठोस पारियों के साथ आगे बढ़ती, उससे पहले ही अक्षर पटेल ने एडन मार्कराम का विकेट लेकर भारतीय गेंदबाज़ों के लिए बड़ा मौक़ा बना दिया.
अक्षर का अहम रोल
कटक में एडन मार्कराम का विकेट इसलिए भी अहम रहा क्योंकि मैदान पर ओस के होने की वजह से माना जा रहा था कि भारतीय गेंदबाज़ों के लिए ये एक चैलेंजिंग टास्क होगा. इसके बाद हार्दिक पांड्या और मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने बढ़े हुए हौसलों के साथ प्रोटियाज़ को बैकफुट पर धकेल दिया. मेहमान टीम ने 8 ओवर से पहले ही 50 के स्कोर पर 5 विकेट गंवा दिए.
टी-20 की अव्वल टीम
दरअसल टी-20 में भारतीय टीम ना सिर्फ़ मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन और ICC टी-20 रैंकिंग में नंबर-1 टीम है, बल्कि दूसरी टीमों से फ़ासला भी साफ़ नज़र आता है. वाइट बॉल क्रिकेट में भारत की बादशाहत की बहुत बड़ी वजह उसका मज़बूत बेंच तो है ही, अक्षर पटेल जैसे ऑलराउंडर टीम का सबसे अहम बैलेंसिंग फैक्टर नज़र आते हैं.
बैटिंग, बॉलिंग, फ़ील्डिंग में बापू का 100% योगदान
कटक से पहले 83 अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैचों में अक्षर पटेल का स्ट्राइक रेट 138 के क़रीब रहा है. जबकि, 83 मैचों में अक्षर ने 7.25 की इकॉनमी से 79 विकेट भी झटके हैं. इसका मतलब है कि तकरीबन हर मैच में गुजरात के ‘बापू' टर्निंग प्वाइंट बनकर अपना रोल अदा कर ही जाते हैं जिसकी वजह से टीम इंडिया कई ऐसे मैचों में अपना रंग जमा पाती है जिसमें उसकी हालत ख़राब भी हो सकती थी. इसमें कोई दो राय नहीं कि अक्षर खुद के मिले मौक़ों को दोनों हाथों से पकड़ते हैं और हर मैच में अपना 100% ज़रूर देते हैं.














