- सिराज ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में पांच टेस्ट मैच खेलकर अपनी फिटनेस और गेंदबाजी से वर्कलोड की धारणा तोड़ी.
- गावस्कर ने कहा कि काम के बोझ को लेकर झुकने पर खिलाड़ी अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे.
- गावस्कर ने जवानों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे देश के लिए मांसपेशियों के दर्द और चोटों को भूलकर खेलते हैं.
Sunil Gavaskar angry on workload Stance: एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी (Anderson-Tendulkar Trophy) में मोहम्मद सिराज ने 5 टेस्ट मैच खेलकर दिखा दिया कि वर्कलोड कुछ नहीं होता है बस आपको अपने आप पर भरोसा रखना होगा. सिराज ने टूर्नामेंट में कमाल की गेंदबाजी की और 23 विकेट लेने में सफल रहे. सिराज इकलौते ऐसे गेंदबाज रहे जिन्होंने पूरे 5 मैच खेले और पांचों मैच में अपनी गेंदबाजी और अपनी फिटनेस से 'वर्कलोड' जैसे शब्द को बौना बना दिया. ऐसे में भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने सिराज की तारीफ की और साथ ही वर्कलोड को लेकर अपनी भड़ास निकाली है.
इंडिया टूडे के साथ बात करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने वर्कलोड (Do You Think Jawans Complain, Sunil Gavaskar on Mohammed Siraj) को लेकर बात की और कहा 'अगर आप उन लोगों के आगे झुक जाएंगे जो काम के बोझ की बात करते हैं, तो आपके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कभी मैदान पर नहीं उतर पाएंगे. आपको उन्हें ऐसी स्थिति में लाना होगा जहां आप कहें, 'नमस्ते, आप अपने देश के लिए खेल रहे हैं, और जब आप अपने देश के लिए खेल रहे होते हैं, तो आपको अपनी मांसपेशियों के दर्द को भूल जाना चाहिए. सीमा पर आपका यही मतलब है. क्या आपको लगता है कि जवान ठंड की शिकायत करते हैं, या फिर हालात क्या हैं? वे देश के लिए अपनी जान देने के लिए वहां हैं. देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दो. दुर्घटना के दर्द की चिंता मत करो.
गावस्कर ने आगे कहा, "ऋषभ पंत ने आपको क्या दिखाया? वह फ्रैक्चर के साथ बल्लेबाजी करने उतरे. आप अपनी टीम से ऐसी ही उम्मीद करते हैं. यही तो है, ऐसी ही उम्मीद आप करते हैं.. छोटी-मोटी चोटों पर ध्यान मत दो. यह 140 करोड़ लोगों के बीच आपको दिया गया सम्मान है, इसलिए आप बहुत भाग्यशाली हैं कि आपको भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. और आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. और यही हमने सिराज के साथ देखा है, 5 टेस्ट मैचों में, बिना रुके गेंदबाजी करते रहे."
गावस्कर ने सिराज को लेकर कहा कि, "उसने वर्कलोड के इस व्यवसाय को खत्म कर दिया. 5 टेस्ट मैचों में, बिना रुके गेंदबाजी करते रहे, उसने बिना रुके 7-8 ओवर के स्पेल डालते रहे. क्योंकि कप्तान उन्हें चाहता था और देश को उससे उम्मीद थी. वर्क लोड एक मानसिक स्थिति है ..शारीरिक नहीं. मैं उम्मीद करता हूं कि अब यह वर्कलोड भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से हमेशा के लिए हटा दिया जाएगा."