गौतम गंभीर ने लिया यह फैसला, तो झूम उठा सोशल मीडिया, फैंस बोले कि सांसद हो तो ऐसा

अब यह तो आप जानते ही हैं कि गौतम गंभीर अपने संसदीय क्षेत्र पूर्वी दिल्ली में गौतम गंभीर दो रसोई चला रहे हैं. इन जन रसोइयों में मात्र 1 रुपये में लोगों को खाना खिलाया जाता है. पिछले काफी समय से गंभीर के क्षेत्र में ये रसोइ चल रही हैं और गंभीर के इस काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक  पर सराहना मिलती रही है

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गौतम गंभीर की जमक प्रशंसा हो रही है
नयी दिल्ली:

भारतीय पूर्व ओपनर गौतम गंभीर एक अलग ही तरह की शख्सियत हैं. बिना लाग-लपेट के बोलते हैं. ठीक वैसे ही, जैसे मैदान पर उनके स्ट्रोक रहे.  मैदान के बाहर बोलने में वैसे ही दबंग, जैसे मैदान पर शाहिद अफरीदी से भिड़ जाया करते थे. और अब गौतम गंभीर ने शुक्रवार को फिर से ऐसा फैसला लिया, जिसके बारे में पता चलते ही सोशल मीडिया झूम उठा. देखते ही देखते वह ट्विटर पर छा गए और उनकी प्रशंसा की कतार में टिप्पणियों का सिलसिला भी बढ़ता ही जा रहा है. 

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अब यह तो आप जानते ही हैं कि गौतम गंभीर अपने संसदीय क्षेत्र पूर्वी दिल्ली में गौतम गंभीर दो रसोई चला रहे हैं. इन जन रसोइयों में मात्र 1 रुपये में लोगों को खाना खिलाया जाता है. पिछले काफी समय से गंभीर के क्षेत्र में ये रसोइ चल रही हैं और गंभीर के इस काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक  पर सराहना मिलती रही है. और अब गंभीर ने अपने काम को नया मुकाम दे दिया है. गंभीर ने ईस्ट दिल्ली में ही विनोद नगर में शुक्रवार को तीसरी जन रसोई की शुरुआत की, जो हर दिन 1 रुपये में एक हजार लोगों को खाना खिलाएगी.गंभीर इससे पहले पिछले साल दिसंबर में गांधीनगर और इस साल फरवरी में न्यू अशोकनगर में एक-एक ‘जन रसोई'आरंभ कर चुके हैं. क्रिकेट से राजनीति की दुनिया में आए गंभीर ने कहा कि इस रसोईघर का उद्देश्य गरीबों को सम्मान के साथ पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम एक रुपया प्रतीक के रूप में लेते हैं. हमारे स्वयंसेवक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी यहां आकर भरपेट भोजन कर सके.'

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसी कुछ और जन रसोई खोलने की उनकी योजना है. पटपड़गंज विधानसभा को दिल्ली सरकार लगातार नजरअंदाज करती रही है और इस क्षेत्र में कोई वास्तविक विकास नहीं हुआ है. यहां झुग्गियों में रहने वाले लोग तनाव में रहते हैं, लेकिन उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिलती. उनके पुनर्वास को लेकर भी राज्य सरकार के पास कोई योजना नहीं है.'गंभीर बोले  कि वह झुग्गियों में रहने वाले लोगों का वित्तीय बोझ कम करना चाहते हैं और इसलिए उन्हें पोषक भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि लोग भूख की वजह से पलायन ना करें. उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य बंद या खाली पड़े सभी सरकारी संसाधनों का उपयोग करने का है ताकि आम जन के लिए वह काम आ सके. भविष्य में कई और जन रसोई आरंभ की जाएंगी ताकि दिल्ली में कोई भूखा ना सोए.'
 

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