India lost third ODI: श्रीलंका के खिलाफ बुधवार को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए तीसरे वनडे में किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत 110 रनों से हार जाएगा, लेकिन डुलिथ वेललेज (Dunith Wellalage) की अगुवाई में श्रीलंकाई गेंदबाजों ने ऐसा वार किया कि मददगार पिचों पर स्पिनरों के सामने भारतीय बल्लेबाजों को हवा निकल गई. उसके सात बल्लेबाज खाता तक नहीं खोल सके. भारत 110 रन से हार गया. श्रीलंका सीरीज 2-0 से जीत गया, लेकिन इस हार से बड़ी बात वह हुई, जो भारतीय वनडे इतिहास में पहले कभी घटित नहीं हुई. और इसकी सोशल मीडिया से लेकर पंडितों के बीच बहुत ही जोर-शोर से चर्चा है. बीसीसीआई इसे किस रूप में लेता है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन इसने कप्तान रोहित (Rohit Sharma) और नए हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को बहुत ही ज्यादा परेशान कर दिया होगा.
ऐसा वनडे इतिहास में कभी नहीं हुआ
प्रेमदासा की पिच पर पहले वनडे से लेकर तीसरे मुकाबले तक लंकाई स्पिनरों का कहर भारतीय बल्लेबाजों पर जमकर टूटा. यह सही है कि कोलंबो की पिच स्पिनरों की बहुत ही ज्यादा मददगार थी, लेकिन यह तो किसी ने नहीं सोचा था कि तीन मैचों में तीस में से 27 विकेट स्पिनरों के खाते में जाएंगे.
द्विपक्षीय सीरीज में ऐसा नहीं हुआ भारत के साथ
जब बात द्विपक्षीय वनडे सीरीज की आती है, तो भारत के वनडे इतिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जब कम से कम तीन वनडे मैचों की सीरीज में भारत के तीस में से 27 विकेट स्पिनरों के खिलाफ गिरे.
ये दो गेंदबाज रहे सबसे बड़े जिम्मेदार
कोलंबो में भारतीय बल्लेबाजी का जो हाल हुआ, उसके पीछे वांडरसे और वेलालेज सबसे बड़े जिम्मेदार रहे. इन दोनों ने मिलकर 15 विकेट चटकाए. वांडरसे आठ विकेट चटकाकर सबसे सफल गेंदबाज रहे, तो दूसरा नंबर वेलालेज (7) का रहा. यहां थोड़ी हैरानी की बात यह रही कि इस मददगार पिच पर कुलदीप यादव और अक्षर जैसे गेंदबाज चार-चार ही विकेट चटका सके.