घरेलू सर्किट में लगातार रनों का अंबार लगाने वाले सरफराज खान का आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू का इंतजार खत्म हुआ. राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ हो रहे पांच मैचों की सीरीज के तीसरे मुकाबले में सरफराज खान को टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज अनिल कुंबले ने डेब्यू कैप सौंपी. सरफराज खान ने अपनी घरेलू क्रिकेट की शानदार फॉर्म को यहां भी चालू रखी और उन्होंने तीसरे टेस्ट के पहले दिन सिर्फ 48 गेंदों में ही अर्द्धशतक जड़कर एक बड़ा कीर्तिमान अपने नाम किया. हालांकि, सरफराज खान बड़ी पारी से चूक गए क्योंकि वो 62 के स्कोर पर दुर्भाग्यवश रन आउट हुए. सरफराज खान ने डेब्यू पारी में 66 गेंदों का सामना किया और उन्होंने नौं चौकों और एक छक्के के दम पर 62 रनों की पारी खेली. सरफराज खान का डेब्यू उनके और बल्लेबाज के परिवार के लिए काफी यादगार और भावुक लम्हा रहा. अनिल कुंबले से मिली कैप को लेकर सरफराज खान जब अपने पिता के पास गए, तो उन्होंने अपने बेटे को गले से लगा लिया और अपने बेटे की कैप को भी चूमा.
सरफराज खान के डेब्यू के साथ ही उनके पिता की अपने बेटे के लिए सालों की तपस्या भी पूर्ण हुई. सरफराज खान के पिता नौशाद खान अपने बेटे के डेब्यू पर काफी भावुक नजर आए और उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के साथ एक खास अपील की भी. बीसीसीआई ने सरफराज खान के डेब्यू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है जिसमें उनके पिता रोहित शर्मा से अपने बेटे के लिए भारतीय कप्तान से खास विनती करते हुए नजर आए. बीसीसीआई ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें रोहित शर्मा सरफराज खान के पिता और सरफराज खान की पत्नी को बल्लेबाज के डेब्यू पर बधाई देते हुए नजर आए. इस दौरान सरफराज खान के पिता ने रोहित शर्मा से कहा,"सर ध्यान रखना उसका." इस पर भारतीय कप्तान ने आश्वासन देते हुए कहा,"हां बिल्कुल."
सरफराज ने अपने डेब्यू टेस्ट अनुभव के बारे में दिन का खेल खत्म होने के बाद विस्तार से बताते हुए कहा,"अंदर जाने के बाद, मैं पहली कुछ गेंदों पर घबराया हुआ था लेकिन मैंने अभ्यास किया और इतनी मेहनत की कि सब कुछ ठीक हो गया." सरफराज ने कहा कि रन और प्रदर्शन उनके लिए उतना मायने नहीं रखता जितना कि अपने पिता के साथ उन्हें देखने के लिए भारत के लिए खेलना. सरफराज खान ने कहा,"भारत के लिए खेलना मेरे पिता का सपना था लेकिन दुर्भाग्य से कुछ कारणों से ऐसा नहीं हो सका, तब घर से ज्यादा समर्थन नहीं मिला. उन्होंने मुझ पर बहुत मेहनत की और अब मेरे भाई के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैं. यह था मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है."
बात अगर मैच की करें तो रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया. इसके बाद बल्लेबाजी को उतरी टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही और सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल सिर्फ 10 रन बनाकर आउट हुए. शुभमन गिल इस मैच में अपना खाता भी नहीं खोल पाए और शून्य के स्कोर पर पवेलियन वापस लौटे. गिल के बाद रजत पाटीदार पांच रन बनाकर आउट हुए. भारत ने एक समय 33 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए थे. लेकिन इसके बाद रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा ने चौथे विकेट के लिए 204 रनों की साझेदारी की और टीम को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकालकर ड्राइविंग सीट पर ला दिया. रोहित शर्मा 131 रन बनाकर आउट हुए. वहीं सरफराज खान ने 62 रनों की पारी खेली. दिन का खेल खत्म होने पर रवींद्र जडेजा 110 रन बनाकर नाबाद रहे. वहीं दूसरे छोर पर कुलदीप यादव एक रन बनाकर नाबाद लौटे.
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