SA vs IND: जल्द से जल्द टीम और बीसीसीआई को ढूंढने होंगे इन कड़े सवालों के जवाब

SA vs IND: स दौरे पर रवाना होने से पहले ही संकेत मिल गए थे कि सब कुछ ठीक ठाक नहीं रहने वाला है, जब तत्कालीन टेस्ट कप्तान विराट कोहली की बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से ठन गई थी.  

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टीम इंडिया और कई खिलाड़ियों के लिए बहुत ही मुश्किल समय है
Quick Take
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दक्षिण अफ्रीका में दोनों सीरीज हारे
वनडे में 2-1 से मिली हार
वनडे में हुआ 3-0 से सूपड़ा साफ
नयी दिल्ली:

SA vs IND: किंकर्तव्यविमूढ सा नजर आने वाला कार्यवाहक कप्तान, अपने कैरियर की ढलान पर पहुंचे कुछ सीनियर खिलाड़ी और सीमित ओवरों के क्रिकेट में रूढ़ीवादी रवैये और दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भारत के प्रदर्शन की कुल जमा तस्वीर यही रही और अब आत्ममंथन के लिये कई सवाल टीम प्रबंधन के सामने होंगे. इस दौरे पर रवाना होने से पहले ही संकेत मिल गए थे कि सब कुछ ठीक ठाक नहीं रहने वाला है, जब तत्कालीन टेस्ट कप्तान विराट कोहली की बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से ठन गई थी.  पूरा प्रकरण टीम की रवानगी से पहले सही नहीं था, लेकिन पहले टेस्ट में मिली जीत के बाद यह हाशिये पर चला गया. टेस्ट श्रृंखला जीतने के बाद आत्मविश्वास से ओत-प्रोत दक्षिण अफ्रीका टीम के सामने कार्यवाहक वनडे कप्तान केएल राहुल के करने के लिये बहुत कुछ बचा नहीं था. हाल बहुत बुरा हुआ, तो कई पहलू और कई सख्त सवाल भी सामने आए हैं, जिनके जवाब बीसीसीआई को जल्द से जल्द तलाशने होंगे

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अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे कोहली
कोहली भले ही स्वीकार नहीं करें लेकिन सच यही है कि बतौर क्रिकेटर वह अपने कैरियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. तीन में से दो  प्रारूपों में कप्तानी उन्होंने छोड़ी और एक से उन्हें हटा दिया गया. लेकिन वह कोहली हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में यूं ही शुमार नहीं होते. अपने इर्द गिर्द तमाम सुर्खियों के बावजूद उन्होंने तीसरे टेस्ट में 79 रन बनाये. वनडे में भी उन्होंने दो अर्धशतक जड़े लेकिन वह अपनी चिर परिचित लय में नही थे. दो राय नहीं कि विवाद से उन के खेल पर और असर  पड़ा है और विराट को टीम इंडिया और अपने भले के लिए सफेद गेंद के सूखे को जल्द खत्म करना होगा. और उम्मीद भी की जा सकती है क्योंकि अगली कुछ टेस्ट सीरीज भारत में  ही होने जा रही हैं. 

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राहुल की कप्तानी से बीसीसीआई खुश नहीं
वहीं, केएल राहुल की कप्तानी पर बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,‘क्या केएल राहुल किसी भी नजरिये से कप्तान लग रहा था.' समझा जाता है कि कोच राहुल द्रविड़ राहुल को दीर्घकालिन विकल्प के रूप में देखते है और यही वजह है कि उन्होंने उसकी कप्तानी का बचाव किया. उन्होंने कहा ,‘उसने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया. कप्तानी का मतलब अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराना भी है. वनडे टीम में संतुलन की कमी दिखी. वह समय के साथ सीखेगा.' भारत ऐसी टीम से हारा जो बदलाव के दौर से गुजर रही है और जिसके कोच पर नस्लीय दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं. भारतीय टीम ने बेखौफ क्रिकेट नहीं खेली और ना ही कोई सूझ-बूझ दिखाई.

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पुजारा और रहाणा ने आखिरी टेस्ट खेल लिया!
इसके अलावा एक और विषय पुजारा और अजिंक्य रहाणे हो चले हैं. पुजारा और अजिंक्य रहाणे दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में चमके लेकिन इसके अलावा सकारात्मक क्रिकेट नहीं खेल सके. दोनों छह पारियों में 200 रन भी नहीं बना सके और अब उनका कैरियर निस्संदेह अवसान की ओर दिख रहा है. हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ी लंबे समय से इंतजार में है. अगर इन दोनों का टेस्ट करियर अगली सीरीज से पहले खत्म हो जाए, तो हैरानी वाली बात बिल्कुल भी नहीं होगी. 

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ईशांत और भुवी का अब क्या होगा?
गेंदबाजी की बात करें तो इ्रशांत शर्मा को बाहर रखना इस बात का परिचायक है कि टीम प्रबंधन को अब उन पर भरोसा नहीं रहा. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी पर निर्भरता बढ़ती जा रही है. आर अश्विन और भुवनेश्वर कुमार ने निराश किया, तो शॉर्ट गेंदों के सामने श्रेयस अय्यर की तकनीकी कमियों की भी कलई खुल गई. कुल मिलाकर दक्षिण अफ्रीका दौरे के बाद टीम इंडिया और बीसीसीआई के सामने सवाल बहुत ही ज्यादा हैं. और इनका जवाब जल्द से जल्द जलाशना होगा.

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