पिछले दिनों BCCI ने एक बड़ा फैसला लेते हुए श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) और इशान किशन (Ishan Kishan) को सेंट्रल कॉन्ट्रै्क्ट से बाहर किया, तो मानो भारतीय क्रिकेट जगत एक बार को हैरान रह गया. तभी से मामले पर अलग-अलग बयान और रिपोर्ट का आना जारी है. यह तो साफ ही है कि इशान किशन और अय्यर दोनों को ही बीसीसीआई का निर्देश न मानने की सजा भुगतनी पड़ी. इशान ने साफ-साफ कह दिया था कि वह रेड-बॉल के लिए तैयार नहीं हैं, तो वहीं अय्यर कमर दर्द की बात कहते हुए बड़ोदा के खिलाफ क्वार्टरफाइनल मुकाबले से हट गए थे, जबकि एनसीए के फिजियो नितिन पटेल ने कहा था कि अय्यर को कोई दर्द नहीं है और वह पूरी तरह से फिट हैं.
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अय्यर से यहीं गलती नहीं हुई. रणजी क्वार्टरफाइनल मुकाबले से हटने के बाद अय्यर को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की अकादमी में देखा गया. और इसी बात ने चीफ सेलेक्टर अजित अगरकर को नाराज कर दिया. जाहिर है कि यह पहले पूरी तरह अनुशासनहीनता का मामला जो पहला चरण पार करते हुए चीफे सेलेक्टर्स सहित तमाम हित धारकों को एक चुनौती देता बन गया, जो हर लिहाज से बहुत ही ज्यादा गलत था.
रिकॉर्ड बहुत ही शानदार है अय्यर का
अय्यर के मैच न खेलकर केकेआर अकादमी जाने का पहलू ने उन्हें अनुबंध प्रदान न करने में अहम भूमिका निभाई. अगरकर ने अनुबंध के खिलाड़ियों के कुल 30 नामों को अंतिम रूप देने में बड़ी भूमिका निभाई. और उन्होंने अय्यर का नाम अनुबंध में शामिल न करने का फैसला किया. इस पूरे विवाद के बाद अब अय्यर ने खुद को तमिलनाडु के खिलाफ खेले जाने वाले सेमीफाइनल मुकाबले के लिए उपलब्ध करार दिया है. 29 साल के अय्यर ने विश्व कप 2023 में 11 पारियों में 66.25 के औसत से 530 रन बनाए. इसमें दो शतक और तीन अर्द्धशतक शामिल हैं.
टेस्ट की फॉर्म खराब रही
वैसे जब बात रेड-बॉल क्रिकेट की आती है, तो अय्यर की फॉर्म अच्छी नहीं रही है. वह साल 2023 के बाद से 12 पारियों में सिर्फ 17 के औसत से सिर्फ 187 रन बना चुके हैं. यही वजह थी कि कोच राहुल द्रविड़ और सेलेक्टर्स चाहते थे कि अय्यर रणजी ट्रॉफी मैच खेलकर रन बनाकर कॉन्फिडेंस हासिल करें. इंग्लैंड के खिलाफ जारी सीरीज की चार पारियों में अय्यर ने चार पारियों में 104 रन बनाए थे.
इतनी रकम पा रहे थे इशान और अय्यर
पिछले साल इशान और अय्यर क्रमश: सी और बी कैटेगिरी में थे. इसके तहत इशान को सालाना एक करोड़ और श्रेयस अय्यर को तीन करोड़ रुपये मिल रहे थे. जाहिर है कि पैसे से ज्यादा नुकसान इनकी छवि और ब्रांड दोनों को हुआ है. ऐसे में देखना होगा कि आगे इनको लेकर बीसीसीआई कैसा रवैया अख्तियार करता है. और ये दोनों कैसे खुद को उबार पाते हैं.