"रवींद्र जडेजा को इसलिए बैन किया गया..." हार्दिक पांड्या की ट्रेडिंग पर भड़के कोलकाता के पूर्व टीम डायरेक्टर

Joy Bhattacharjya Slams Hardik Pandya's Mumbai Indians Trade: कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व टीम डायरेक्टर ने कहा है कि इस तरह का कदम टूर्नामेंट के लिए बुरा हो सकता है और इस ट्रेंड को प्रोत्साहित करना खतरनाक है क्योंकि यह आने वाले समय के लिए खतरनाक मिसाल कायम कर सकता है.

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Hardik Pandya: हार्दिक पांड्या की ट्रेडिंग पर भड़के कोलकाता के पूर्व टीम डायरेक्टर

Joy Bhattacharjya Slams Hardik Pandya's Mumbai Indians Trade: कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) टीम के पूर्व निदेशक जॉय भट्टाचार्य भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पंड्या के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 से पहले गुजरात टाइटन्स से मुंबई इंडियंस में जाने से खुश नहीं है. हाल ही में एक बातचीत में भट्टाचार्य ने इसका हवाला दिया कि 2010 सीज़न के दौरान रवींद्र जडेजा के बैन का उदाहरण दिया है. जडेजा ने राजस्थान रॉयल्स के साथ करार पर साइन नहीं किया था और मुंबई इंडियंस में जाने के लिए काफी जोर लगाया था. कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व टीम डायरेक्टर ने कहा है कि इस तरह का कदम टूर्नामेंट के लिए बुरा हो सकता है और इस ट्रेंड को प्रोत्साहित करना खतरनाक है क्योंकि यह आने वाले समय के लिए खतरनाक मिसाल कायम कर सकता है.

जॉय भट्टाचार्य ने कहा ओकट्री स्पोर्ट्स यूट्यूब चैनल पर कहा,"मुझे नहीं लगता कि यह टूर्नामेंट के लिए एक अच्छा विचार है क्योंकि 2010 में लगभग ऐसा ही कुछ हुआ था. रवींद्र जडेजा ने एक सीज़न नहीं खेला क्योंकि वह आगे बढ़ना चाहते थे और फ्रेंचाइजी ने उन्हें साइन किया था. उन्होंने कहा था कि वह अब राजस्थान रॉयल्स के लिए नहीं खेलना चाहते हैं और इसलिए उन पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया गया क्योंकि उन्होंने कहा था कि आप सिस्टम को नहीं तोड़ सकते."

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जॉय भट्टाचार्य ने आगे कहा,"अगर कोई खिलाड़ी अचानक कहे कि मुझे नीलामी में खरीदो, लेकिन मैं तुम्हारे लिए नहीं खेलना चाहता... और एक बार जब आप इस ट्रेंड को प्रोत्साहित करना शुरू कर देंगे तो उस रास्ते पर जाना अच्छा विचार नहीं होगा. इसीलिए 2010 में इसे रोक दिया गया था. लेकिन 2023 में, आपने एक बड़े खिलाड़ी के साथ ऐसा होने दिया. इसकी सच्चाई यह है कि एक बार जब आप इसकी अनुमति देना शुरू कर देंगे, तो खिलाड़ियों को एहसास होगा कि अगर वे इतना हंगामा कर सकते हैं, तो फ्रेंचाइजी उन्हें छोड़ देगी... मुझे नहीं लगता कि यह लीग के लिए एक अच्छी मिसाल है.''

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उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात टाइटंस के पास संभवतः हार्दिक को मुंबई इंडियंस में जाने देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था क्योंकि यह फैसला खिलाड़ी ने खुद लिया था.

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जॉय भट्टाचार्य ने आगे कहा,"गुजरात के पास दो विकल्प थे. वे उसे जाने की अनुमति दे सकते थे, व्यापार से कुछ पैसे कमा सकते थे और संगठन के लिए कुछ पैसे प्राप्त कर सकते थे जो एक और बड़े नाम वाले खिलाड़ी को बनाए रखने के लिए पर्याप्त था. दूसरा विकल्प यह है कि हार्दिक कहें कि वह जाना चाहते हैं, मुझे उनसे औसत प्रदर्शन का एक सीजन मिलेगा. फिर वह चला जायेगा और मुझे इससे कुछ नहीं मिलेगा. इसलिए परिस्थितियों को देखते हुए गुजरात कोई अन्य विकल्प नहीं चुन सकता था."

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बता दें, गुजरात टाइटंस ने हार्दिक पांड्या की अगुवाई में खेलते हुए लगातार दो सीजन के फाइनल में जगह बनाई थी. गुजरात 2022 में पहली बार खेली थी और हार्दिक की अगुवाई में टीम चैंपियन बनी थी, जबकि 2023 सीजन में टीम को फाइनल में चेन्नई से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं 2024 सीजन के लिए खिलाड़ियों की नीलामी से पहले गुजरात ने मुंबई इंडियंस के साथ हार्दिक पांड्या का ट्रेड किया है. इस दौरान मुंबई इंडियंस ने हार्दिक की फीस के साथ साथ एक ट्रासफंर रकम भी गुजरात को दी है.

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