विराट कोहली (Virat Kohli) से वनडे कप्तानी ले ली गई है. उनकी जगह रोहित (Rohit Sharma) को वनडे और टी-20 का कप्तान बनाया गया है. कोहली की कप्तानी पद से हटाए जाने के बाद क्रिकेट पंडित और पूर्व क्रिकेटरों के इसपरकाफी कुछ कहा. अब पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने विराट को लेकर कुछ बातों का खुलासा किया है. शास्त्री ने कोहली के सबसे कठिन समय को लेकर बात की है. शास्त्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में कोहली को लेकर कहा है कि, 2014 में जब इंग्लैंड में कोहली का फॉर्म बेहद ही खराब था तो उस समय वो सदमे की स्थिति में चले गए थे. उस निराशाजनक दौरे के ठीक बाद शास्त्री भारत के टीम निदेशक के रूप में पदभार संभाला था. उससमय कोलेकर शास्त्री ने इंटरव्यू में कहा कि कोहली उस समय बुरे समय से गुजर रहे थे. लगभग सदमें में चले गए थे.
शास्त्री ने कहा कि जब मैं एक बार टीम से जुड़ा तो मेरासबसे पहला काम ऐसे ऐसे व्यक्ति की पहचान करना था जो उनसे बात कर सकता था और मैंने विराट कोहली में धोनी जैसे चरित्र, खेल और व्यक्तित्व वाला व्यक्ति पाया. शास्त्री ने कहा कि, विराट इंग्लैंड के उस दौरे से परेशान थे क्योंकि वहां वह मुश्किल से रन बना पाया था. जिस तरह से चीजें सामने आई थीं, वह सदमे की स्थिति में था. लेकिन वह उस दौर से आगे निकला और जबरदस्त वापसी कर साबित कर दिया था कि वो भारतीय क्रिकेट को काफी कुछ दे सकता है.
शास्त्री ने कहा कि कोहली ने धीरे-धीरे अपनी बल्लेबाजी को लेकर सुधार किया. "मैंने उसे बहुत करीब से देखना शुरू किया, मैंने उसे जितना करीब से देखा, मैं उसके आत्मविश्वास की भावना को हर दिन वापस लौटते हुए देख सकता था. शुरुआती दो-तीन महीने टीम को बेहतर तरीके से जानने में लगे, हमने बहुत सारी बातें करना शुरू कर दिया. विभिन्न मुद्दे पर, बल्लेबाजी तकनीक, आगे का रास्ता, बहुत सी चीजें.''
कोहली ने 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के अगले दौरे में फॉर्म में वापसी की, फिर विराट को चार मैचों की सीरीज के बीच में भारत का टेस्ट कप्तान भी नामित किया गया था, उस सीरीज में उसने 86.50 की औसत से 692 रन बनाए, जिसमें चार शतक शामिल थे. पूर्व कोच ने कहा कि, और मुझे लगता है, यह वास्तव में ऑस्ट्रेलिया में फॉर्म में वापस आया, जब उसने आखिरकार अपनी बल्लेबाजी, कप्तानी को लेकर चर्चा की और खुद के अंदर आत्मविश्वास को भरने में कामयाब रहा. न केवल उसने जिस तरह से अपना खेल खेला, बल्कि जिस तरह से हम चाहते थे कि वह खेले उस तरह से उसने खुद को टीम के लिए साबित किया.'
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भारतीय टीम के पूर्व कोच शास्त्री ने आगे कहा कि, उन्होंने उस दौरे पर एक ऊंचा मुकाम खुद के लिए सेट किया. हम उस सीरीज को 2-0 से हार गए लेकिन मुझे अभी भी याद है कि सिडनी में सीरीज के अंत में एलन बॉर्डर मेरे पास आए और कहा: "रव, अच्छा किया यार, टेस्ट मैचों को बचाने के लिए बहुत सी टीमें अंतिम दिन बल्लेबाजी नहीं करती हैं., जो मेलबर्न और सिडनी में हो.
विराट कोहली से किसने छीनी कप्तानी?.