Paras Mhambrey Big Statement: आईपीएल 2024 के दौरान कई युवा सितारे लोगों की नजरों में आए, लेकिन जो खिलाड़ी सबसे अधिक चर्चा में रहा. वह थे लखनऊ सुपर जायंट्स के तेज तर्रार गेंदबाज मयंक यादव. 22 वर्षीय तेज गेंदबाज ने टूर्नामेंट के दौरान केवल 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी ही नहीं की. बल्कि उन्होंने लाइन लेंथ भी अपना बरकार रखा. यही वजह रही कि टूर्नामेंट के दौरान केवल 3 मुकाबले खेलने के बावजूद यादव 7 विकेट चटकाने में कामयाब रहे.
आईपीएल के 17वें सीजन में मयंक की कहर बरपाती गेंदबाजी को देख हर कोई उनसे गदगद नजर आया. यही वजह रही कि कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने उन्हें टीम इंडिया में भी शामिल करने की सलाह दे डाली. मगर आईपीएल 2024 से ही मयंक चोटिल होने की वजह से मैदान से दूर चल रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही थी कि वह दिल्ली प्रीमियर लीग से दोबारा मैदान में वापसी करेंगे. हालांकि, पूरी तरह से फिट नहीं होने की वजह से वह यहां से भी बाहर हो गए हैं.
देश के स्टार क्रिकेटर और घरेलू सितारे जल्द ही दलीप ट्रॉफी में शिरकत करते हुए आने वाले हैं, लेकिन शुरुआती टूर्नामेंट से यहां भी उनका नाम गायब है. आगामी टूर्नामेंट से मयंक के नदारद होने के बाद भारत के पूर्व बॉलिंग कोच पारस महाम्ब्रे ने अपना विचार साझा किया है. उनके मुताबिक बीसीसीआई के लिए समय अब आ चुका है कि मयंक को वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में उतारें. विशेषकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्हें खेलना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस के साथ हुई खास बातचीत के दौरान महाम्ब्रे ने कहा, ''मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि वह तैयार नहीं है तो उससे गेंदबाजी नहीं कराओ. यह उम्र ऐसी है जब उसे गेंदबाजी करनी चाहिए. एक पेशेवर गेंदबाज के तौर पर उसे गेंदबाजी करनी चाहिए. आप मैदान में जितनी अधिक गेंदबाजी करेंगे. आपका उतना ही अधिक उसपर नियंत्रण होगा. आपको समझ आएगा कि आपका शरीर कितना कुछ सहन कर सकता है. आप उसे यह कहकर नहीं टाल सकते हैं कि वह चोटिल हो जाएगा.''
महाम्ब्रे ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ''हम उनसे जरूरत से ज्यादा गेंदबाजी नहीं करवा सकते, जिससे वह थक जाएं. हालांकि, हमें उसे लेकर समझदारी से काम लेना होगा कि वह कितनी गेंदबाजी कर सकता है. एक तेज गेंदबाज के तौर पर उसे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शिरकत करनी चाहिए.''
मयंक के दिल्ली प्रीमियर लीग से बाहर होने पर महाम्ब्रे ने कहा, ''जब आप एक सीजन में शिरकत करते हैं तो आप अपने आप को काफी समझते हैं. आप अलग-अलग परिस्थितियों में गेंदबाजी करते हैं. शारीरिक और मानसिक रूप से आपकी असल में कई मानकों पर परीक्षा होती है. कभी-कभी आपको मैदान में 6 सत्रों का खेल खेलना पड़ता है. इस दौरान अंतिम सत्र में भी उसी रिदम के साथ गेंदबाजी करने पर आपको भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फायदा होगा. मुझे लगता है उन्हें घरेलू सीजन में कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.''